कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल शवों पर ‘गिद्ध राजनीति’ करते हैं: भाजपा

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल शवों पर ‘गिद्ध राजनीति’ करते हैं: भाजपा

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भाजपा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल शवों पर ‘गिद्ध राजनीति’ करते हैं और वे केवल समाज में सौहार्द्र बिगाड़ना चाहते हैं। भाजपा ने देश में घृणा भाषण और साम्प्रदायिक हिंसा की हाल की घटनाओं पर विपक्षी दलों के संयुक्त बयान के जवाब में एक बयान जारी किया। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने प्रधानमंत्री मोदी पर विपक्ष द्वारा निशाना साधे जाने की तुलना आसमान की ओर कीचड़ उछालने से की। भाटिया ने राजस्थान में करौली हिंसा को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से सवाल किया और आरोप लगाया कि उनकी पार्टी की तुष्टिकरण की राजनीति के कारण दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी दंगाइयों के साथ खड़े हैं और स्थिति को भड़काने की कोशिश करते हैं।
गौरतलब है कि शनिवार शाम को जब विपक्ष के नेताओं का संयुक्त बयान सामने आया उसी दौरान राजधानी दिल्ली का जहांगीरपुरी इलाका सुलग उठा। यहां हनुमान जयंती पर निकाली जा रही शोभायात्रा के दौरान पथराव की घटना घटी। इसके बाद हिंसा में 9 लोग घायल हो गए। फायरिंग में एक पुलिसकर्मी को चोट आई है। विपक्ष के 13 नेताओं ने देश में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं के मद्देनजर लोगों से शांति एवं सद्भाव बनाए रखने की अपील की है। विपक्षी नेताओं ने इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘चुप्पी’ पर भी सवाल उठाया है। संयुक्त बयान में 13 विपक्षी दलों ने कहा है कि वे यह देखकर ‘क्षुब्ध’ हैं कि खानपान, पहनावा, आस्था, त्योहारों और भाषा जैसे मुद्दों का इस्तेमाल सत्ता प्रतिष्ठान द्वारा समाज का ध्रुवीकरण करने के लिए किया जा रहा है।
13 नेताओं में सोनिया-सोरेन, पवार भी
यह बयान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत 13 नेताओं द्वारा जारी किया गया है।
संयुक्त बयान में विपक्ष के नेताओं ने कहा, ‘हम प्रधानमंत्री की चुप्पी को लेकर स्तब्ध हैं जोकि ऐसे लोगों के खिलाफ कुछ भी बोलने में नाकाम रहे, जो अपने शब्दों और कृत्यों से कट्टरता फैलाने और समाज को भड़काने का काम कर रहे हैं। यह चुप्पी इस बात का तथ्यात्मक प्रमाण है कि इस तरह के निजी सशस्त्र भीड़ को आधिकारिक संरक्षण प्राप्त है।’
-एजेंसियां