उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बुधवार को नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की तीखी बहस हो गई। बहस इतनी ज्यादा तल्ख हो गई थी कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बीच में हस्तक्षेप करना पड़ा। इस दौरान उन्होंने अखिलेश यादव को सदन की मर्यादा का पाठ भी पढ़ाया और उनके बयान को कार्यवाही से बाहर निकालने की मांग भी की। योगी ने उपमुख्यमंत्री के भाषण के बीच अखिलेश यादव की ओर से की जा रही ‘रनिंग कमेंट्री’ की भी आलोचना की और जमकर क्लास ली।
दरअसल, केशव प्रसाद मौर्य सदन में भाषण देते हुए अपने सरकार की उपलब्धियां गिना रहे थे। इसी बीच अखिलेश भाषण के बीच खड़े हो गए और कहा, ‘यह (केशव मौर्य) पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर रहे हैं। इनसे पूछिए कि इनके जिला मुख्यालय (प्रयागराज) की सड़क किसने बनाई? फोर लेन किसने बनाई?’ इस पर जवाब देते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने स्पीकर के जरिए कहा, ‘नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री (अखिलेश यादव) को बता दीजिए कि ये 5 साल सत्ता में नहीं रहे और 5 साल नहीं रहेंगे। अभी कोई आपका भविष्य भी नहीं है लेकिन सड़क एक्सप्रेसवे और मेट्रो किसने बनाई है, के सवाल कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि सैफई की जमीन बेचकर आपने ये सब बनवा दिया है।’
केशव मौर्य पर आग-बबूला हुए अखिलेश
केशव प्रसाद मौर्य का इतना कहना था कि नेता प्रतिपक्ष अखिलेश आग-बबूला हो गए। उन्होंने तुरंत खडे़ होकर गुस्से में कहा, ‘तुम अपने पिताजी से पैसा लाते हो ये बनाने के लिए या जो तुमने राशन बांटा है, उसके लिए…’ अखिलेश के इतना कहते ही सदन में हंगामा गूंज उठा। मामला इतना आगे बढ़ गया था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बीच में हस्तक्षेप करना पड़ा। सीएम ने खड़े होकर अखिलेश यादव के उपमुख्यमंत्री के लिए ‘तुम’ शब्द के इस्तेमाल पर सख्त आपत्ति जताई और इसे कार्यवाही से बाहर करने के लिए कहा।
सीएमे योगी ने कहा, ‘एक घंटे से ज्यादा पूरा सदन माननीय नेता प्रतिपक्ष को सुनता रहा है। बड़ी शालीनता के साथ उन्होंने अपनी बात की है लेकिन जब उपमुख्मंत्री अपनी बात रख रहे हैं तो बीच में रनिंग कमेंट्री का मतलब क्या है? एक सम्मानित नेता के खिलाफ असभ्य शब्द का प्रयोग हो, तू-तू शब्द का प्रयोग हो। मैं नेता प्रतिपक्ष को विनम्रता से कहना चाहूंगा कि हम लोग जो विकास कार्य करा रहे हैं या आपके समय में जो हुए होंगे, वो हमारी ड्यूटी थी।
योगी ने सिखाया शालीनता का पाठ
योगी ने कहा कि सरकार, सरकार होती है और हर सरकार को अपनी उपलब्धि कहने का अधिकार है। डेप्युटी सीएम ने अपनी बात ठीक से कही। उनकी बात खत्म करने के बाद आप अपनी बात कह सकते थे। मैंने कल भी देखा था कि संसदीय मंत्री को लेकर जिस तरीके की भाषा का प्रयोग किया गया था, आज वही फिर हो रहा है। योगी की बात के बीच अखिलेश जवाब देने को उठे तो स्पीकर ने उन्हें बाद में जवाब देने को कहा।
योगी ने आगे कहा कि सैफई भी इसी प्रदेश का हिस्सा है। हमारी सहमति-असहमति हो सकती है। हम बाद में इस बात का करेक्शन करा सकते हैं लेकिन तू-तू, मैं-मैं नहीं होनी चाहिए। मैं कार्यवाही से इसे हटाने का निवेदन करता हूं। सदन की मर्यादा का ध्यान हर हाल में होना चाहिए। बीच में रनिंग कमेंट्री और धमकी देना स्वीकार्य नहीं है। योगी के सबक के बाद अखिलेश थोड़े नरम नजर आए। उन्होंने कहा कि असंसदीय शब्द अगर आएं हैं तो उन्हें कार्यवाही से निकाल दिया जाए लेकिन मेरा निवेदन है कि किसी को किसी के बारे में पर्सनल बातें नहीं कहना चाहिए।
-एजेंसियां
- FlexAds Media Private Limited: Empowering Indian Youth in the Digital Age - March 21, 2024
- “Rahul Kumar Bholla: Capturing Elegance Through the Lens – A Glimpse into the Glamorous World of RB Snapper” - February 11, 2024
- BJP ने जारी की कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों के नेताओं के भ्रष्टाचार की सूची - December 12, 2023