पश्चिम बंगाल की सभी स्टेट यूनिवर्सिटीज में अब राज्यपाल नहीं बल्कि राज्य का मुख्यमंत्री कुलाधिपति (चांसलर) होगा। सराकर इसे अमल में लाने के लिए जल्द ही विधेयक पेश करेगी। यह जानकारी राज्य के हायर एजुकेशन मिनिस्टर शिक्षा मंत्री ब्रत्या बसु ने गुरुवार को दी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है।
पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार के तहत 36 यूनिवर्सिटीज संचालित हैं। जबकि 12 प्राइवेट यूनिवर्सिटीज हैं।
विधानसभा में जल्द लाया जाएगा विधेयक
बसु ने कहा, ‘गुरुवार को राज्य मंत्रिमंडल ने राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री को सभी स्टेट यूनिवर्सिटीज का कुलाधिपति बनाने के प्रस्ताव को सहमति दे दी है। इस प्रस्ताव को जल्द ही विधानसभा में विधेयक के रूप में पेश किया जाएगा।’ फिलहाल राज्यपाल ही सभी यूनिवर्सिटीज के कुलाधिपति हैं।
धनखड़ से पुराना बैर बना वजह
कुछ दिनों पहले यूनिवर्सिटीज में कुलपति की नियुक्ति को लेकर बंगाल में रस्साकशी की खबरें आई थीं। हाल ही में राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर राज्य सरकार की सहमति के बिना कई कुलपतियों की नियुक्ति करने का आरोप भी लगा था। जिसके बाद गवर्नर के पावर को कम करने की यह बड़ी कवायद हुई है।
तमिलनाडु में भी हुआ था यही बदलाव
पिछले महीने तमिलनाडु ने एक विधेयक पारित किया गया था जिसमें राज्य सरकार को यूनिर्वसिटीज में कुलपति नियुक्त करने की शक्ति दे दी गई थी। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की सरकार ने कहा था है कि कुलपतियों की नियुक्ति में राज्यपाल की अक्षमता ने उच्च शिक्षा को प्रभावित किया है।
-एजेंसियां
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