Agra, Uttar Pradesh, India. ताजमहल के शहर आगरा के निवासी, प्राइम ऑप्टिकल के स्वामी और समाजसेवी गजेन्द्र शर्मा के नाम और एक और उपलब्धि दर्ज हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने रिपोर्टेबल जजमेंट की बुक में उनका नाम शामिल किया है।
क्या है मामला
कोरोनावायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन लगा था। व्यापार ठप होने और नौकरियां जाने से बैंकों से लिए गए कर्ज की किस्त अदा नहीं हो पाई। किस्त रुकी तो बैंकों ने ब्याज पर ब्याज लगा दिया। रोजी-रोटी पर संकट के बाद उपभोक्ताओं पर यह दोहरी मार थी। गजेन्द्र शर्मा के पास भी बैंक से ब्याज पर ब्याज का नोटिस आया तो उनका माथा ठनका। अपने पुत्र राहुल शर्मा एडवोकेट के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में याचिका प्रस्तुत कर दी। फिर उनके पीछे पूरे देश के बैंक कर्ज लेने वाले खड़े हो गए। तमाम अवरोधों, दलीलों और धमकियों के बीच गजेन्द्र शर्मा की जीत हुई। देश के 24 करोड़ लोगों को हजारों करोड़ रुपये का फायदा हुआ। बैंकों को ब्याज की रकम वापस करनी पड़ी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को आदेश जारी करना पड़ा। 7000 करोड़ रुपये का लाभ बैंक कर्जदारों को हुआ है।
यहां देखें नोटिफिकेशन
इसी याचिका का उल्लेख सुप्रीम कोर्ट ने रिपोर्टेबल जजमेंट की बुक में लेकर कियाहै। Gajendra Sharma vs union of India reported , (2021) 1 scc 210 का उल्लेख करते हुए विवरण दिया गया है। इस जजमेंट का उल्लेख संदर्भ के रूप में किया जा सकता है। यहां देख सकते हैं किस तरह से उल्लेख किया गया है-

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