झारखंड: राष्ट्रीय खेल घोटाले में पूर्व मंत्री बंधु तिर्की के आवास पर CBI की छापेमारी

झारखंड: राष्ट्रीय खेल घोटाले में पूर्व मंत्री बंधु तिर्की के आवास पर CBI की छापेमारी

POLITICS


झारखंड में साल 2011 में हुए राष्ट्रीय खेल घोटाले से जुड़े मामले में पूर्व खेल मंत्री बंधु तिर्की के रांची आवास पर CBI ने छापेमारी की है। सीबीआई की ओर से इस मामले में जुड़े मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। इनमें पहला पहला मामला RC 0242022A001 मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स निर्माण में गड़बड़ी जुड़ा है। दूसरा मामला RC 0242022A002 है, जो खेल आयोजन से जुड़े घपले से जुड़ा है।
पहले इस मामले की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो कर रही थी। इस मामले में बंधु तिर्की जेल तक जा चुके हैं। उनके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की गई थी। खेल घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने बंधु तिर्की को अप्राथमिक आरोपी बनाया था। हाल ही में आय से अधिक संपत्ति के मामले में कोर्ट ने बंधु तिर्की को तीन साल की सजा सुनाई थी। इस कारण उनकी विधायकी भी चली गई। बंधु तिर्की रांची जिले के मांडर विधानसभा सीट से एमएलए चुने गए थे।
ऐसी सूचना है कि खेल घोटाले से जुड़े देशभर में करीब 18 जगहों पर छापेमारी की जा रही है। पटना से सीबीआई की टीम रांची में छापेमारी करने पहुंची है। मीडिया के मुताबिक दिल्ली हेड क्वार्टर से निर्देश मिलने के बाद कार्रवाई की जा रही है। पूर्व मंत्री बंधु तिर्की के अलावा घोटाले से जुड़े सभी आरोपियों पर शिकंजा कसा गया है। बंधु तिर्की के बारे में फिलहाल सूचना है कि वो दिल्ली में हैं। उनकी सदस्यता खत्म होने के बाद मांडर विधानसभा सीट पर 23 जून को उपचुनाव की घोषणा की गई है। उससे पहले उनके पिटारे को सीबीआई ने खोल दिया है।
झारखंड के नेशनल गेम्स घोटाले को लेकर सीबीआई की ओर से रांची स्थित एंटी करप्शन ब्यूरो में 22 अप्रैल को दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई थी। 34वां नेशनल गेम्स झारखंड में साल 2011 में 22 फरवरी से 26 फरवरी तक हुआ था। राष्ट्रीय खेल के आयोजन में घोटाले का मामला है। 28 करोड़ 34 लाख रुपए गड़बड़ी का मामला है। ऊंची कीमत पर बिना टेंडर खेल सामान खरीद सहित कई मामले शामिल हैं। मेगा स्पोर्ट्स कॉन्प्लेक्स के निर्माण में अनियमितता का मामला है। 206 करोड़ की जगह इसका बजट 424 करोड़ रुपए हो गया था।
नेशनल गेम्स घोटाले में फंसे पूर्व खेल मंत्री बंधु तिर्की पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का बेजा इस्तेमाल किया था। धनबाद में दो स्क्वैश कोर्ट के निर्माण में अनियमितता बरती गई थी। स्क्वैश कोर्ट बनाने के लिए मुंबई की एक कंपनी जाइरेक्स इंटरप्राइजेज को ठेका दी गई थी। इस बाबत एक करोड़ 44 लाख 32 हजार रुपए का एस्टीमेट दिया गया था। मंत्री रहते हुए बंधु तिर्की ने 20 अक्टूबर 2008 को इसकी अनुमति दी थी। कंपनी को एडवांस में 50 लाख रुपए दिए गए थे।
-एजेंसियां