बसपा प्रमुख मायावती ने सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की अफवाहों को किया खारिज, कहा- जातिवादी मीडिया ऐसी फेक न्यूज प्रचारित कर रहा है

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लखनऊ। बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले पार्टी सुप्रीमो मायावती का सोमवार को बड़ा बयान सामने आया है। मायावती ने सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की अफवाहों को खारिज करते हुए कहा कि सक्रिय राजनीति से मेरा संन्यास लेने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है। उन्होंने कहा कि जबसे पार्टी ने आकाश आनन्द को मेरे ना रहने पर या अस्वस्थ हालात में बीएसपी के उत्तराधिकारी के रूप में आगे किया है तबसे जातिवादी लोग ऐसी अफवाहें फैल रहा हैं।

मायावती ने सोमवार को एक्स पर पोस्ट कि बहुजनों के अम्बेडकरवादी कारवां को कमजोर करने की विरोधियों की साजिशों को विफल करने के संकल्प हेतु बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं कांशीराम जी की तरह ही मेरी जिन्दगी की आखिरी सांस तक बीएसपी के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेन्ट को समर्पित रहने का फैसला अटल। अर्थात सक्रिय राजनीति से मेरा सन्यास लेने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है। जबसे पार्टी ने आकाश आनन्द को मेरे ना रहने पर या अस्वस्थ विकट हालात में उसे बीएसपी के उत्तराधिकारी के रूप में आगे किया है तबसे जातिवादी मीडिया ऐसी फेक न्यूज प्रचारित कर रहा है जिससे लोग सावधान रहें। हालाँकि पहले भी मुझे राष्ट्रपति बनाए जाने की अफवाह उड़ाई गयी, जबकि कांशीराम जी ने ऐसे ही आफर को यह कहकर ठुकरा दिया था कि राष्ट्रपति बनने का मतलब है सक्रिय राजनीति से सन्यास लेना जो पार्टी हित में उन्हें गवारा नहीं था, तो फिर उनकी शिष्या को यह स्वीकारना कैसे संभव?

27 अगस्त को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में होना है राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव

27 अगस्त को मायावती द्वारा बुलाई गई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जाना है। राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव इसके पहले वर्ष 2019 में हुआ था। इसमें मायावती को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुनाव गया था। पार्टी संविधान के मुताबिक, हर पांच साल में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होता है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सबसे पहले अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। इसके बाद देश के चार राज्यों में इसी साल होने वाले चुनाव की रणनीति पर मंथन किया जाएगा।

साभार सहित

Dr. Bhanu Pratap Singh