भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने सपा मुखिया अखिलेश यादव को खुली चुनौती दी है। उन्होंने अखिलेश यादव के यूपी की सभी सीटें जीतने के दावे पर कहा है कि 80 सीटों की बात छोड़िए अखिलेश जी, वाराणसी की सिर्फ एक सीट अगर जीत कर दिखा देंगे तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा।
दरअसल, उत्तर प्रदेश में मौसम और राजनीति दोनों इन दिनों खूब गर्माई हुई है। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी टिफिन बैठकों के जरिए अपने कार्यकर्ताओं को लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में जुटने का संदेश दे रही है और घर-घर पहुंच कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 9 साल के कार्यकाल के बारे में लोगों को अवगत कराने पर जोर दे रही है तो वहीं दूसरी ओर विपक्ष ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं।
मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी जिला स्तर पर शिविरों के जरिए कार्यकर्ताओं को एकजुट करने में लगी हुई है। लगातार कार्यकर्ता सम्मेलनों के जरिए पार्टी को ग्रास रूट लेवल पर मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है। इस क्रम में सीतापुर के नैमिषारण्य में समाजवादी पार्टी का कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया गया। इस दौरान अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव 2014 में 80 सीटों पर जीत का दावा किया। अब इस पर राजनीति शुरू हो गई है।
हरनाथ सिंह यादव ने क्या कहा?
भाजपा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने अखिलेश यादव को अपने ही अंदाज में चैलेंज दे दिया है। उन्होंने कहा है कि प्रिय अखिलेश यादव जी, उत्तर प्रदेश के 80 सीट पर जीत के दावे तो छोड़ ही दीजिए। आप केवल एक लोकसभा सीट वाराणसी ही जीत कर दिखा दीजिए। सिर्फ एक सीट वाराणसी। अगर आपकी पार्टी ने ऐसा कर दिया तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। राज्यसभा की सदस्यता से भी उसी दिन इस्तीफा दे दूंगा। अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए हरनाथ सिंह यादव ने कहा कि यह आपका केवल और केवल बड़बोलापन है।
सांसद ने कहा कि आपके पाले-पोसे शातिर अपराधी और माफियाओं को तो सीएम योगी आदित्यनाथ ने ठिकाने लगा दिया है। 2024 के चुनाव के बाद आपकी पार्टी भी ठिकाने लग जाएगी। अब हरनाथ सिंह यादव के इस चैलेंज को अखिलेश यादव स्वीकार करते हैं या नहीं, यह तो बाद की बात है।
अखिलेश यादव का बयान
अखिलेश यादव ने इससे पहले सीतापुर नैमिषारण्य में दो दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद कहा कि प्रदेश की 80 सीटों पर समाजवादी पार्टी जीत दर्ज करने जा रही है। लोकसभा चुनाव 2014 में पार्टी बड़ी जीत की तरफ बढ़ रही है। कार्यकर्ताओं का उत्साह देखने लायक है। सभी एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ लड़ाई में शामिल हो रहे हैं। लोगों का गुस्सा वर्तमान सरकार की कुव्यवस्था से है। समाजवादी पार्टी को हर वर्ग का साथ मिल रहा है। उन्होंने भीषण गर्मी के बाद भी कार्यकर्ताओं के उत्साह को सत्ता के खिलाफ लोगों के बीच गुस्से जोड़ा। अखिलेश लोगों के भीतर हो रहे इसी बदलाव से डर गई है। उनके दावे के बाद भाजपा की ओर से करारा जवाब सामने आया है।
कौन हैं हरनाथ सिंह यादव?
हरनाथ सिंह यादव भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद हैं। 1 अप्रैल 1941 को जन्मे हरनाथ सिंह यादव मैनपुरी से आते हैं। उनका जन्म यादव बहुल गोपालपुर गांव में हुआ था। हरनाथ सिंह यादव ने आरएसएस के जिला प्रचारक के तौर पर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। इसके बाद वे भाजपा के राज्य महासचिव पद तक पहुंचे। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का करीबी माना जाता है। हालांकि, पहली बार वर्ष 1996 में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर उन्होंने विधान परिषद का चुनाव जीता था।
समाजवादी पार्टी के समर्थन से हरनाथ सिंह यादव 2006 में आगरा स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से एमएलसी चुने गए। 2014 के विधान परिषद चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। 2017 के यूपी चुनाव में उन्हें मैनपुरी का प्रभारी बनाया गया ।3 अप्रैल 2018 को राज्यसभा सदस्य के रूप में चुने गए।
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