आगरा। भाजपा पहली बार जिलाध्यक्षों की घोषणा जिला केन्द्रों पर बड़े आयोजन के ज़रिए करने जा रही है। पर नेतृत्व की इस योजना से चुनाव अधिकारी और जिला प्रभारी असहज नजर आ रहे हैं।
पार्टी का एक बड़ा धड़ा भी योजना से सहमत नजर नहीं आ रहा है। इन सबके बीच कल यानि 16 मार्च को दोपहर दो बजे से जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा शुरू हो जाएगी। इसके लिए जिला मुख्यालयों पर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। कई केंद्रों पर आज रात तक चुनाव अधिकारी पहुंच जाएंगे। साथ ही कई जिलों में पर्यवेक्षक के रूप में प्रदेश सरकार के मंत्री और प्रदेश पदाधिकारी भी भेजे जा रहे हैं। आगरा में एक ही कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष की घोषणा की जाएगी।
जिलाध्यक्षों की घोषणा संबंधी प्रक्रिया को लेकर प्रदेश के चुनाव अधिकारी महेंद्र नाथ पांडेय ने गाइड लाइन जारी की है। इसके अनुसार सभी जिला चुनाव अधिकारियों को आज रात्रि या कल सुबह तक जिला मुख्यालयों पर पहुंचने का निर्देश दिया गया है। साथ ही सहायक चुनाव अधिकारियों से कहा गया है कि कल दोपहर दो बजे आयोजित होने वाले घोषणा कार्यक्रम की व्यवस्था में आज से ही जुट जाएं। घोषणा जिला कार्यालयों पर ही होगी।
इस कार्यक्रम में सभी जिला पदाधिकारियों, मोर्चा के वरिष्ठ पदाधिकारियों, जिले में रहने वाले राष्ट्रीय, प्रदेश और क्षेत्र के पदाधिकारियों तथा मंडल अध्यक्षों और प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाना है। मंच के पीछे संगठन पर्व का बैकड्रॉप लगाया जाएगा। मंच पर पर्यवेक्षक, चुनाव अधिकारी, वरिष्ठ पदाधिकारी और मंत्री मौजूद रहेंगे। मंच पर वर्तमान और निवर्तमान जिलाध्यक्ष भी रहेंगे।
मंच पर मौजूद लोगों के संम्बोधन के बाद ही जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा की जाएगी। पूरी प्रक्रिया की मॉनिटरिंग के लिए प्रदेश कार्यालय पर एक टास्क केंद्र स्थापित किया जा रहा है। जहां से प्रदेश चुनाव अधिकारी, प्रदेश अध्यक्ष व प्रदेश महामंत्री संगठन पूरी प्रक्रिया पर नजर रखेंगे। इसके लिए सभी जिलों को प्रदेश के टास्क केंद्र से जोड़ा जा रहा है।
जिलों में जाने से कतरा रहे चुनाव अधिकारी
जिलाध्यक्षों की घोषणा प्रक्रिया से कई चुनाव अधिकारी असहज नजर आ रहे हैं। उनका मानना है कि इस बार चुनाव प्रक्रिया में कार्यकर्ताओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया है। जिलाध्यक्ष के लिए दर्जनों आवेदन भरे गए हैं। जिला स्तर पर कार्यक्रम कर घोषणा करने से वहां पर नाराज लोगों के स्वर मुखर हो सकते हैं। कई स्थानों पर उग्र बवाल की भी स्थिति बनने से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसलिए वे जिला केन्द्रों पर जाने से कतरा रहे हैं।
संघ की सहमत नहीं
सूत्रों ने बताया कि संघ के अधिकारी भी इस तरह घोषणा प्रक्रिया अपनाने के पक्षधर नहीं हैं। उनका मानना है कि कई जगह विरोध के सुर उठ सकते हैं, जिससे सरकार और संगठन की छवि को नुकसान हो सकता है।
दावेदारों की धड़कनें बढ़ीं
संगठन ने इस बार जिस तरह चयन को लेकर गोपनीयता बनाए रखी है, उससे दावेदारों की धड़कने बढ़ गईं हैं। दिल्ली से लेकर लखनऊ तक फोन खटखटाने के बावजूद अभी तक किसी को कोई संकेत नहीं मिल सका है। अब हारकर सभी कल का बेचैनी से इंतजार कर रहे हैं।
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