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आगरा में CGST और सेंट्रल एक्साइज की बड़ी कार्रवाई, 755 करोड़ रुपये का है मामला, गोयल साहब गिरफ्तार

BUSINESS Crime

227 फर्जी फर्मों के 755 करोड़ के नकली चालान जारी कर दिए

134 करोड़ रुपये की अवैध और अयोग्य आईटीसी भी जारी कर दी

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Agra, Uttar Pradesh, India. केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर (CGST) और केंद्रीय उत्पाद शुल्क आयुक्तालय आगरा की निवारक इकाई ने बड़ी कार्रवाई की है। फर्जी फर्मों के व्यापार में शामिल एक मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। इस फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड अक्षय गोयल को गिरफ्तार कर लिया। इस मॉड्यूल द्वारा 227 फर्जी फर्मों के माल की भौतिक आपूर्ति/परिवहन के बिना 755 करोड़ से अधिक मूल्य की आयरन स्क्रेप, सीमेंट, टाइल्स, सिरेमिक और मार्बल्स आदि जैसी वस्तुओं को कवर करने वाले नकली चालान जारी किए जा रहे थे। इसके अंतर्गत लगभग 134 करोड़ रुपये मूल्य की अवैध और अयोग्य आईटीसी भी जारी की गयी।

माल की आपूर्ति किए बिना चालान जारी

विभाग ने खुफिया जानकारी के आधार पर कई परिसरों और आवासीय पते पर एक साथ तलाशी ली गयी। सीजीएसटी आयुक्त शरद चंद श्रीवास्तव ने बताया कि फर्जी फर्मों के व्यापार में शामिल यह मॉड्यूल माल की आपूर्ति किए बिना चालान जारी करता था और दूसरों के नाम का उपयोग करके व्यक्तिगत चालू बैंक खातों के माध्यम से धन भेजता था। इसके पास से कई फर्मों के लेटर हेड पर जारी किए गए फर्जी चलानों की प्रतियां, चेक बुक, बैंक पास बुक, रबर स्टॉप और मोबाइल फोन सहित कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। जीएसटी अधिनियम 2017 के प्रावधान के तहत ऐसे अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती है। पुख्ता सबूतों के आधार पर व संलिप्त कई मास्टरमाइंड व्यक्तियों में से एक मास्टरमाइंड अक्षय गोयल को गिरफ्तार कर लिया गया है।

ये है फर्जी काम का तरीका

आयुक्त श्रीवास्तव ने इस रैकेट की कार्य पद्धति के बारे में बताया कि प्रारंभ में परिवार के सदस्यों, कर्मचारियों और दोस्तों के पैन और आधार नंबरों का उपयोग करके फर्जी फर्मों का निर्माण किया जाता है। फिर माल की आपूर्ति/आवाजाही के बिना लेनदेन का एक जटिल नेटवर्क तैयार किया जाता है। पूरा रैकेट सर्कुलर ट्रेडिंग के इर्द-गिर्द घूमता है और विभिन्न ग्राहकों को उनके अनुरोध के अनुसार माल की वास्तविक आपूर्ति के बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट भेजा जाता है। यह मुख्य रूप से अन्य करदाताओं को माल के किसी भी प्रकार के भौतिक आवागमन व भुगतान के बिना, गलत तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाने और उपयोग करने की अनुमति देता है। इसके अलावा फर्जी बिलों की बिक्री के बदले प्राप्त धनराशि को बिना सघन जांच के बैंक खाते से निकालने के लिए निजी बैंकों में व्यक्तिगत चालू खाते भी विभिन्न दस्तावेजों के आधार पर खोले जाते हैं।

इनकी रही मुख्य भूमिका

आयुक्त श्री शरद चंद श्रीवास्तव के दिशा निर्देशन में अपर आयुक्त भवन मीना एवम उपायुक्त पल्लव सक्सेना, अधीक्षक ऋषि देव सिंह की अगुआई में एंटी इवेजन की टीम के निरीक्षक सतीश कुमार, कपिल कुमार, अनुराग सोनी, दीपक कुमार, इंद्रेश, अजय सोनकर, अरविंद सिंह परमार, एकांत सोलंकी, सोमेश आदि ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया।

 अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती

यह विदित है कि जीएसटी अधिनियम 2017 के प्रावधान के तहत ऐसे अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती है।

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