Mathura, Uttar Pradesh, India. तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठन आये दिन चक्का जाम और रेल रोको जैसे कार्यक्रम कर रहे हैं। सरकार इनसे निपट रही हैं। अब कारोबारी और व्यापारियों ने भी जीएसटी के विरोध में भारत बंद का ऐलान किया है।
व्यापारियों के संगठनों ने कहा है कि जीएसटी व्यवस्था के प्रावधानों की समीक्षा की मांग के तहत बाजार 26 फरवरी को बंद रहेंगे। बंद का समर्थन कर रहे व्यापारियों के संगठनों ने इसे सफल बनाने की रणनीति तैयार कर रहे हैं। दूसरी ओर कई संगठन भारत बंद से किनारा कर रहे हैं, तो कुछ संगठन मांग के समर्थन में हैं लेकिन भारत बंद का समर्थन नहीं कर रहे हैं। इन संगठनों दूसरे माध्यमों से अपना विरोध जताने का फैसला किया है।
फेडरेशन ऑफ आल इंडिया व्यापार मंडल (फेम) के जिलाध्यक्ष अजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि 26 फरवरी को जीएसटी की जटिल प्रणाली को लेकर भारत बंद के पक्ष में नहीं है। यह बिल्कुल सच है कि जीएसटी की जटिलता से व्यापारी बहुत परेशान हैं और उस परेशानी को दूर करने के लिए फेम द्वारा पूरे देश में सभी जिला मुख्यालयों पर ज्ञापन दिया जाएगा। सरकार तक अपनी बात ज्ञापन के द्वारा पहुंचाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि जीएसटी में 42 माह में एक हजार से ज्यादा संशोधन हो चुके है। अब इस जीएसटी कानून को नए रूप में लिखने की बहुत जरूरत है, क्योंकि आज जो जीएसटी लागू है उसका सबसे बड़ा खामियाजा खुदरा व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है। उनके पास उद्योगपतियों जितने संसाधन नहीं है। खास बात यह है कि व्यापार की हालत चिंताजनक है और लॉकडाउन की मंदी से व्यापारी आज तक जूझ रहा है। बन्दी से नुकसान व्यापारी का ही होता है। इसलिए फेम जीएसटी कानून के नवीनीकरण के लिए बातचीत का पक्षधर है, बंदी का नहीं।
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