अर्जेंटीना ने पूर्ण सदस्य बनने के तीन दिन पहले ब्रिक्स का सदस्य बनने से इंकार कर दिया है. देश के नए राष्ट्रपति जेवियर माइली ने अपनी पूर्ववर्ती सरकार के फ़ैसले को पलटते हुए ब्रिक्स में शामिल होने की योजना अब वापस ले ली है.
ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ़्रीका के नेताओं को लिखे एक पत्र में जेवियर माइली ने बताया है कि पिछली सरकार के लिए हुए फ़ैसले को अब बदला जा रहा है.
अर्जेंटीना उन छह देशों की बहुप्रतीक्षित सूची में शामिल था, जिसे एक जनवरी 2024 से पूर्ण सदस्यता दी जानी है.
अन्य पांच देशों में मिस्र, ईरान, इथियोपिया, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात हैं. ऐसा होने के बाद ब्रिक्स के कुल सदस्य देशों की संख्या पांच से बढ़कर 10 हो जाएगी.
अर्जेंटीना की सोच में यह बदलाव दक्षिणपंथी विचारधारा वाले अर्थशास्त्र के प्रोफ़ेसर माइली की नवंबर में हुई जीत के बाद आया है. उन्होंने 10 दिसंबर को अपना पद संभाला है.
माइली ने वामपंथी विचारधारा के अल्बर्टो फर्नांडीज, जिनकी सोच ब्रिक्स के मौजूदा सदस्य देशों के साथ ज़्यादा मेल खाती थी, की जगह ली है.
अपने देश की ख़राब अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए माइली ने कड़े क़दम उठाने का संकल्प व्यक्त किया था, फिर भी चुनाव में उन्हें आश्चर्यजनक जीत मिली.
जेवियर माइली ने ब्रिक्स के मौजूदा सदस्यों को भेजे अपने पत्र में कहा है कि उनकी सरकार की विदेश नीति पिछली सरकार से कई मायनों में अलग है.
उन्होंने कहा कि वे अर्जेंटीना को ब्रिक्स का पूर्ण सदस्य बनने को ‘उचित’ नहीं मानते हैं, लेकिन वे इन देशों से अपने द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
-एजेंसी
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