45 साल से ताजंगज श्मसान घाट के मैनेजर पहलवान सिंह का दावा- भूतप्रेत नहीं होते
एल एस बघेल, आगरा। ताजगंज स्थित श्मसान घाट के प्रबंधक पहलवान सिंह का कहना है कि भूत-प्रेत जैसा कोई कुछ भी नहीं होता है। रतीराम का पुरा, गुगावली, बाह के मूल निवासी 79 वर्षीय पहलवान सिंह बताते हैं कि मैं पिछले 45 साल से आगरा के इस श्मसान घाट पर रह रहा हूं। बाकायदा इनका परिवार भी यहीं निवास करता है। पत्नी सुषमा देवी के अलावा पुत्र और प्रपौत्र भी यहां रहते हैं। उन्होंने कहा मैंने इन 45 सालों में कभी भूतप्रेत यहां नहीं देखा। वे दावे के साथ कहते हैं कि भूतप्रेत जैसा कुछ नहीं होता है।
उन्होंने यह जरूर कहा कि 80 के दशक में कुछ अघोरी आ जाते थे, जिनको हमारे द्वारा भगा दिया जाता था। उन्होंने कहा हमारे पास रात में एक दर्जन सफाई कर्मियों के अलावा तीन कर्मचारी क्षेत्र बजाजा के, भी रहते हैं। उनको अथवा उनके किसी परिवारीजन को यहां डर भी नहीं लगता। पहलवान सिंह का बेटा संजय सिंह मल्ल का चबूतरा स्थित श्मसान घाट का केयरटेकर है।
भैरों बाबा का मंदिर
ताजगंज श्मसान घाट पर भैरों बाबा का मंदिर है। जहां तमाम श्रद्धालु पूजा करने के लिये आते हैं। पहले तो इनकी संख्या कम होती थी लेकिन अब तो तमाम लोग पूजापाठ के लिये यहां आते हैं।
सिद्धपुरुष द्रोपाबाबा और छिंगा बाबा का समाधि स्थल भी यहीं
सिद्ध पुरुष द्रोपा बाबा और छिंगा बाबा का समाधि स्थल भी ताजगंज स्थित श्मसान घाट पर ही बना हुआ है। रविवार वाले दिन तो सैकड़ों लोग इनकी पूजा अर्चना के लिये यहां आते हैं। पहलवान सिंह बताते हैं कि अस्सी के दशक में ये बाबा यमुना की गरम रेती में भी लेटे रहते थे। इनको सिद्धि प्राप्त थी। आज भी लोग इनकी समाधि पर आकर बाबा की प्रतिमा की सेवा करते हैं। घटिया आजम खां निवासी एक भक्त का कहना था कि अगर हम रविवार को द्रोपा बाबा की सेवा के लिये नहीं आ पाते हैं तो फिर सोमवार को पूजा अर्चना करते हैं।
-up18News
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