केंद्रीय हिंदी संस्थान

केंद्रीय हिंदी संस्थान में हिंदी सीखने को श्रीलंका,चीन समेत अन्य देशों से आए आवेदन

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केंद्रीय हिंदी संस्थान में इस बार बड़ी संख्या में आए आवेदन श्रीलंका, चीन समेत कई देशों के छात्र—छात्राओं ने किए आवेदन 30 मई तक चलेगी प्रक्रिया

Agra, Uttar Pradesh, India. दो साल बाद ताजनगरी में फिर से हिंदी सीखने विदेशी छात्र छात्राएं केंद्रीय हिंदी संस्थान पहुंचेंगे। संस्थान में विदेशी छात्रों की प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए 30 मई तक आवेदन मांगे गए हैं। केंद्रीय हिंदी संस्थान की निदेशक प्रोफेसर बीना शर्मा ने बताया कि कोरोना काल में विदेशी छात्रों की कक्षाएं आनलाइन संचालित हुई थीं। अब स्थिति सामान्य है। इसके चलते एक बार फिर केंद्रीय हिंदी संस्थान में ऑफलाइन क्लासेस लगेंगी।

कई देशों के छात्रों ने ​किए आवेदन
प्रोफेसर बीना शर्मा ने बताया कि इस बार हिंदी सीखने वाले स्टूडेंट्स के श्रीलंका, चीन, उज्बेकिस्तान, दक्षिण कोरिया, कजाकिस्तान, तजाकिस्तान, स्वीडन, मंगोलिया, स्लोवाकिया, थाईलैंड, नाइजीरिया, रूमानिया, रूस, त्रिनिडाड व टुबैको आदि देशों से आवेदन प्राप्त हुए हैं। आवेदन प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कहा कि पहले संस्थान की तरफ से यूनाइटेड नेशंस के 151 देशों के भारतीय दूतावासों के पास आमंत्रण भेजा जाता है। संस्थान में संचालित पाठ्यक्रमों की जानकारी दी जाती है।

दूतावासों में लिए जाते हैं आवेदन
उन्होंने बतया कि भारतीय दूतावास उस देश के उन विश्वविद्यालयों के पास सूचना भेजते हैं, जहां हिंदी या एशियाई भाषाएं सिखाई जाती हैं। विदेशी छात्र अपने देश के दूतावासों में आवेदन करते हैं, जहां से वे संस्थान पहुंचते हैं। संस्थान द्वारा एक कमेटी बनाई जाती है। आवेदन रखे जाते हैं, जिसके बाद हर आवेदन की जांच होती है।

कई नए देशों के छात्रों की जुड़ने की उम्मीद
निदेशक ने बताया कि 18 से कम व 35 से ज्यादा उम्र वाले छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जाता है।‌संस्थान की तरफ से विदेशी छात्रों को छात्रवृत्ति मिलती है। आने-जाने का खर्चा भी भारत सरकार उठाती है। इस साल छात्रों की संख्या में इजाफा होगा और कई नए देशों के छात्रों की भी जुड़ने की उम्मीद है।

देश—विदेश से आते हैं छात्र
केंद्रीय हिंदी संस्थान में पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं ने बताया कि हिंदी हमारी राजभाषा है और इस संस्थान में हिंदी सीखने के लिए देश विदेश से छात्र-छात्राएं आते हैं। हमें यहां पढ़ाई करके बहुत अच्छा लगता है। देश और विदेश के अलग-अलग लोगों से हमें यहां मिलने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि अगर जो बच्चे हिंदी सीखना चाहते हैं तो वह केंद्रीय हिंदी संस्थान में प्रवेश लेकर अपनी मातृ भाषा सीख सकते हैं।