कलकत्ता हाईकोर्ट ने 18 दिन के भीतर 5 केस बंगाल पुलिस से लेकर CBI के जिम्मे सौंप दी है। इनमें 3 केस में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस TMC के नेता आरोपी हैं। हाईकोर्ट के इस फैसले को बंगाल सरकार के लिए एक झटका माना जा रहा है। वहीं पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी CBI के जरिए भाजपा पर दबाव बनाने की रणनीति का आरोप लगा चुकी हैं।
CBI को लगातार जांच की जिम्मेदारी मिलने के बाद ममता बनर्जी ने बुधवार को हाईलेवल मीटिंग बुलाई है। इस बैठक में ममता आगे की रणनीति बनाएंगी। माना जा रहा है कि CBI जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी, ममता और केंद्र के बीच टकराव बढ़ता जाएगा।
1. बीरभूम हिंसा
बीरभूम के बागटुई गांव में 23 मार्च के दरम्यानी रात हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई। इस हिंसा में TMC के ब्लॉक प्रमुख का नाम आया। 4 अप्रैल को हाईकोर्ट ने इस पर सुनवाई के बाद CBI को जांच का जिम्मा दे दिया। हाईकोर्ट के फैसले का ममता बनर्जी ने दबी जुबान से स्वागत किया, लेकिन अगले ही दिन आरोप लगाया कि CBI के जरिए भाजपा हमारे जिलाध्यक्ष अनुब्रत मंडल को गिरफ्तार कराना चाहती है।
2. भादू शेख हत्या कांड
बीरभूम के बागटुई में TMC नेता भादू शेख की हत्या के बाद हिंसा भड़की थी। ऐसे में हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच का जिम्मा भी CBI को दे दिया। बीरभूम और भादू शेख हत्या कांड मामले में CBI ने अब तक 4 लोगों को गिरफ्तार किया है।
3. कांग्रेस पार्षद की हत्या
हाईकोर्ट ने पुरुलिया के झालदा में कांग्रेस पार्षद तपन कांदू हत्या मामले में भी बंगाल पुलिस से जांच छीनकर CBI को सौंप दिया। कांदू की पत्नी ने हाईकोर्ट में दलील दी थी कि इस मामले में TMC नेताओं का हाथ है। ऐसे में जांच पुलिस से ले लिया जाए।
4. झालदा केस में गवाह की हत्या
कलकत्ता हाईकोर्ट ने झालदा में कांग्रेस पार्षद हत्या के गवाह निरंजन वैष्णव मर्डर केस की जांच भी CBI को दे दिया। दरअसल, कांदू हत्या के चश्मदीद गवाह का लटका हुआ शव मिला था। पुलिस ने इसे सुसाइड माना था।
5 नदिया गैंगरेप केस
ताजा मामला नदिया जिले के हांसखली का है। यहां TMC नेताओं पर आरोप है कि एक नाबालिग के साथ तीन दिन तक गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया। हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच CBI को सौंपी है। ममता बनर्जी मंगलवार को इस घटना पर सवाल उठा चुकी है।
ममता ने बुलाई हाईलेवल मीटिंग
18 दिन के भीतर 5 केस CBI को सौंपे जाने के बाद ममता बनर्जी एक्शन में आ गई है। ममता ने नवान्न (सचिवालय) में कानून मंत्री मलय घटक, सांसद कल्याण रंजन और राज्य के महाधिवक्ता को मीटिंग के लिए बुलाई है।
एक्सपर्ट व्यू: केस प्रभावित कर सकती थी पुलिस, इसलिए सीबीआई को जांच सौंपी
सुप्रीम कोर्ट के रि. जस्टिस अशोक गांगुली ने CBI को मिले जांच के जिम्मे पर कहा- कोर्ट को पुलिस की भूमिका पर संदेह होगा, इसलिए जांच का जिम्मा CBI को मिला है। वहीं पश्चिम बंगाल के पूर्व ADGP रहे नजरूल इस्लाम ने कहा कि सरकार हमेशा पुलिस को मशीनरी की तरह यूज करती है। जो केस सामने आए, उसमें सत्ताधारी नेताओं की भूमिका थी। ऐसे में पुलिस जांच सही से नहीं हो पाता, जिस वजह से कोर्ट ने CBI को मामला सौंपा।
-एजेंसियां
- FlexAds Media Private Limited: Empowering Indian Youth in the Digital Age - March 21, 2024
- “Rahul Kumar Bholla: Capturing Elegance Through the Lens – A Glimpse into the Glamorous World of RB Snapper” - February 11, 2024
- BJP ने जारी की कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों के नेताओं के भ्रष्टाचार की सूची - December 12, 2023