a glass of water

आगरा के तलत उमरी की शॉर्ट फिल्म A Glass of Water चार ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज

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Agra, Uttar Pradesh, India. मुहब्बत की नगरी में रंगकर्म से अपनी शुरुआत करने वाले तलत उमरी आज लेखक और निर्देशक के तौर पर उभरकर सामने आ रहे हैं। हाल ही में उनके द्वारा लिखित औऱ निर्देशित शार्ट फ़िल्म ए गिलास ऑफ़ वॉटर सफलता के शिखर पर पहुँच चुकी है। एक्ट क्यू प्रोडक्शन के बैनर तले बनी लघु फ़िल्म ए गिलास ऑफ़ वॉटर जोकि युवाओं को ज़िन्दगी जीने को प्रेरित करती है।

फ़िल्म पाँच इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल में भी चुनी गई है, जिसमें प्रयास इंटरनेशनल शॉर्ट फ़िल्म फेस्टिवल , ग्लोबल ताज इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल 2020, सिनेमेकिंग इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल 2020,रील्स इंटरनेशनल शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल 2020, खजुराहो इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल 2020 शामिल हैं। इन फेस्टिवल में अपनी पहचान बनाने के बाद फ़िल्म एक साथ चार ओटीटी प्लेटफॉर्म मैक्स प्लेयर, एयरटेल एक्स्ट्रीम, हंगामा प्ले और वीआई मूवीज़ पर  रिलीज़ हुईं। दर्शकों का भी काफ़ी प्यार फ़िल्म को मिल रहा है। 

अपनी फिल्म की कामयाबी पर बोलते हुए निर्माता मिताली कुमार ने बताया कि  लॉकडाउन के समय जब  लोग निराशा का सामना कर रहे थे, उस बीच इस स्टोरी का ख़याल ज़हन में आया जिसको हमने अपनी फिल्म के निर्देशक से विचार-विमर्श किया और उसके बाद इस फ़िल्म का निर्माण किया गया। समाज में लोगों को ज़िन्दगी को सही जीना सिखाने के साथ परेशानियों का सामना करने को प्रेरित करती हैं। फ़िल्म युवाओं को एक सही दिशा दिखाने का काम कर रही है। दर्शकों का प्यार भी हमें मिल रहा है। लगभग पांच फ़िल्म फेस्टिवल में हमारी फ़िल्म की स्क्रीनिंग हो चुकी है।

फ़िल्म के लेखक और निर्देशक तलत उमरी ने अपनी फिल्म के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि आज के वक़्त में लोग थोड़ी परेशानी में खुद को अकेला समझकर आत्महत्या कर सब कुछ खत्म कर लेते हैं।  हाल ही में गुजरात में आयशा के द्वारा नदी में कूदकर आत्महत्या की घटना ने देश को हिलाकर रख दिया। हमने अपनी फ़िल्म के माध्यम से युवाओं को ज़िन्दगी की पहचान कराने की कोशिश की है।

उन्होंने बताया कि ज़िन्दगी के उतार चढ़ाव को समझने और उसका सामना करने की प्रेरणा देने पर ज़ोर दिया गया है। आज ओटीटी प्लेटफॉर्म के माध्यम से हमारा यह मैसेज देशभर में फैल रहा हैं। लोग इसको देखकर एक सही दिशा पर चलेंगे ऐसा हमारा मानना है। फ़िल्म के माध्यम से भटके हुए युवाओं में एक नया जोश भरा जा सके। सही मायने में उनको ज़िन्दगी की सही पहचान करवाई जा सके।