Agra News: जब एक बीकॉम पास डॉक्टर बन जाए तो फिर क्या कहना……… – Up18 News

Agra News: जब एक बीकॉम पास डॉक्टर बन जाए तो फिर क्या कहना…

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आगरा में श्री हरि हॉस्पिटल पर मरीज ने गंभीर आरोप लगाए हैं बताया जा रहा है मरीज वीडियो में कह रहा है की उसका एक्सीडेंट हुआ था तो उसको श्री हरि हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती किया गया था वहा के फर्जी डॉक्टर ने पैरों में प्लेट डालने के एवज मै 1 लाख 90000 ले लिए पर प्लेट तो डाली ही नही दूसरे हॉस्पिटल पर जब उसने एक्सरा कराया जब उसे पता लगा इस हॉस्पिटल के मालिक मोहित अग्रवाल का विवादों से पुराना नाता है और वह भी हो तो क्यों नहीं कमला नगर में एक अंडे बेचने वाला डॉक्टर जो बन बैठा .

कुछ वर्ष पूर्व शुरुआत में आगरा के खंदारी पर खोला गया था गणेशा हॉस्पिटल जिसको चिकित्सा अधिकारी द्वारा सील किया गया उसके बाद भी उन्होंने सबक नहीं लिया फिर खोल लिया अब्बू लाला दरगाह के सामने अर्श हॉस्पिटल जिसमें एक वरन के मरीज की मौत हो गई किस्मत ने यहां भी उनका साथ नहीं दिया उसके बाद इन्होंने सुल्तानगंज चौराहे पर एक हॉस्पिटल खोला वहां एक बच्चे की मौत की वजह से हॉस्पिटल में जमकर तोड़फोड़ हुई इनको वहां से भी भागना पड़ा.

उसके बाद यह पहुंच गए इटावा में इन्होंने बालाजी हॉस्पिटल खोला जहां महिला की मौत पर इनको वहां से पीटकर भगा दिया गया कहते है समय खराब हो तो उठ पर भी बैठो तो कुत्ता काट जाता है वहां भी ऐसा कुछ हुआ ईश्वर ने वहां भी उनका साथ नहीं दिया क्योंकि डॉक्टर होते तो ईश्वर साथ देता वहां से भी इनको भागना पड़ा फिर पहुंच गए हाथरस वेदांता हॉस्पिटल वहां पर भी यह न्यूरो सर्जन बनकर ऑपरेशन कर रहे थे .

अधिकारियों ने पाया कि वेदांता हॉस्पिटल के संचालक की योग्यता महज बी. कॉम है और उसके द्वारा मरीजों का इलाज किया जा रहा था। मोहित अग्रवाल द्वारा गंभीर रोगियों का इलाज कर और उनको दवाएं देकर उनके जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा था।

नोडल अधिकारी डॉ. डीके अग्रवाल की तहरीर पर वेदांता हॉस्पिटल के संचालक के खिलाफ यह चौथा मुकदमा दर्ज किया गया था। उस समय रहे हाथरस गेट कोतवाली के एसएचओ चतर सिंह राजौरा ने बताया था कि संचालक, बीएएमएस यानि आयुर्वेदिक चिकित्सक सहित अन्य अज्ञात स्टाफ के खिलाफ धारा 420, 338, 384, इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट 1860 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था मोहित अग्रवाल और तीन कर्मचारियों को पहले ही जेल भेजा जा चुके है .

सूत्रों की माने तो इनको 3 महीना 15 दिन की जेल हुई इन जनाब को देखिए ना तो कोई डिग्री है ना ही कोई एक्सपीरियंस और कभी न्यूरो सर्जन कभी सर्जन कभी एमबीबीएस बन जाते है जहां आगरा के सीएमओ एक तरफ अभियान चला रहे हैं फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ वही इस फर्जी डॉक्टर की तरफ आगरा के चिकित्सा अधिकारी का ध्यान क्यों नहीं जाता आखिर बिना रजिस्ट्रेशन के कैसे यह फर्जी डॉक्टर हॉस्पिटल खोल लेता है.

Dr. Bhanu Pratap Singh