Agra News: नाई की मंडी में करोड़ों की जमीन पर कब्जा, पुलिस ने सुबह से शाम तक कार्रवाई के नाम पर पीड़ित को टहलाया, लखनऊ तक पहुंची बात, मुकदमा दर्ज

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आगरा। आगरा के कमिश्नरेट बनने के बाद जमीनों पर कब्जे के मामले लगातार सुर्खियों में छाए हुए हैं। जगदीशपुरा जमीनकांड में थानाध्यक्ष के जेल जाने के बाद भी पुलिस नहीं सुधरी है। इस बार एमजी रोड स्थित धाकरान चौराहा के पास करोड़ों रुपए की जमीन पर कब्जा हो गया है। पीड़ित नाई की मंडी थाने गया लेकिन पुलिस सुबह से शाम तक उसे टहलाती रही।

बताया जा रहा है मामला लखनऊ और पुलिस आयुक्त तक पहुंचा। इसके बाद एसीपी कोतवाली को जांच के लिए भेजा गया। आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। थाना पुलिस की मिली भगत से कब्जा हुआ है। यह बात सुर्खियों में छाई हुई है। अधिकारी पुलिस की संलिप्तता की जांच करने की बात कह रहे हैं।

शहर की पॉश कालोनी भरतपुर हाउस निवासी सारु मुंजाल शू एक्सपोर्टर हैं। धाकरान चौराहा के पास उन्होंने वर्ष 2008 में तीन लोगों से करीब 180 वर्गगज जमीन खरीदी थी। तभी से वह जमीन पर काबिज हैं। भूखंड के दो गेट हैं। दोनों पर उनके ताले थे। गेट पर उनका नाम लिखा हुआ था। वर्ष 2008 में कुछ लोगों ने इस भूखंड पर सिविल वाद दायर किया। यह न्यायालय में विचाराधीन है।

गुरुवार रात करीब डेढ़ बजे सफेद रंग की कार से कुछ लोग भूखंड पर पहुंचे। आरोप है कि सारु मुंजाल के ताले तोड़ दिए। अपने ताले वहां लगा दिए। इतना ही नहीं दीवार पर अपने नाम लिखवा दिए। यह जानकारी कारोबारी पक्ष को शुक्रवार की सुबह हुई। वे हैरान रह गए। पीड़ित पक्ष नाई की मंडी थाने पहुंचा। पुलिस ने उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। कोई पुलिसकर्मी मौके पर जांच करने तक नहीं गया। पीड़ित पक्ष को बहाने बनाकर थाने से टहला दिया गया।

पीड़ित पक्ष ने सुबह से शाम तक थाने के कई चक्कर काटे। हाथ जोड़कर गुहार लगाई यह भी कहा हम बर्बाद हो जाएंगे लेकिन नाई की मंडी थाना पुलिस के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। देर रात घटना की शिकायत लखनऊ और पुलिस आयुक्त जे रविन्दर गौड तक पहुंची। पुलिस कमिश्नर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल एसीपी कोतवाली आस्था जयसवाल को मौके पर भेजा।

सीसीटीवी खंगाले गए। दीवार पर ताजा रंग था। एसीपी ने पुलिस को आयुक्त को बताया कि आरोप सही है। पुलिस आयुक्त के आदेश पर देर रात धाकरान निवासी मान सिंह धाकड़ और रमेश धाकड़ के खिलाफ मुकदमा लिखा गया। मुकदमे में कुछ अन्य लोगों का भी जिक्र है।

बताया जा रहा है कि आरोपित पक्ष ने मौके पर बिजली कनेक्शन के लिए भी जुगाड़ लगा रखी थी। शनिवार की दोपहर को बिजली कंपनी की टीम मौके पर सर्वे करने पहुंची। पीड़ित ने तत्काल पुलिस अधिकारियों को इसकी जानकारी दी।

पीड़ित ने थाने पर कई बार की थी शिकायत

पीड़िता ने जांच के दौरान एसीपी को बताया कि आरोपित पक्ष कई बार जान से मारने की धमकी दे चुका है। जमीन पर कब्जा करना चाहता है। उन्होंने इस संबंध में कई बार थाने पर लिखित शिकायत की थी। जमीन पर उनका कब्जा है, शिकायत के साथ इसके फोटो भी लगाए थे।

पहले पुलिस कमिश्नर जमीन कब्जे के मामले में ही हटे थे, अभी तक वेटिंग में हैं

कमिश्नरेट बनने के बाद डॉ. प्रीतिंदर सिंह की पहले कमिश्नर के रूप में नियुक्ति हुई थी। जगदीशपुरा में 40 करोड रुपए की जमीन पर पुलिस ने कब्जा करा दिया। दो फर्जी मुकदमे दर्ज कर पीड़ित परिवार को जेल भेज दिया। मामला सुर्खियों में आने के बाद लखनऊ स्तर से जांच कराई गई। मामला सही साबित होने पर पुलिस कमिश्नर को भी मुख्यमंत्री ने नाराज होकर हटा दिया। 14 महीने से वह वेटिंग में हैं। अभी तक उन्हें कहीं पोस्टिंग नहीं मिली है। जमीन कांड में इतनी बड़ी कार्रवाई होने के बाद भी आगरा में जमीनों के कब्जे मामले लगातार सुर्खियों में छाए हुए हैं। कुछ महीने पहले इंस्पेक्टर सिकंदरा नीरज शर्मा पर भी पीड़ित पक्ष ने करोड़ों रुपए की जमीन पर कब्जा कराने का आरोप लगाया था। पीड़ित पक्ष का आरोप था इंस्पेक्टर उन्हें थाने में बैठाए रहे और उधर जमीन पर कब्जा हो गया।

जमीन पर कब्जे के मामले में नाई की मंडी थाने में एक मुकदमा दर्ज हुआ है। अगर इसमें पुलिस की संलिप्तता सामने आती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जे रविंदर गौड, पुलिस कमिश्नर

Dr. Bhanu Pratap Singh