आगरा। महाराणा प्रताप जयंती पर फतेहाबाद तहसील के कई गांवों में करणी सेना द्वारा बीते कल बुधवार को आयोजित कार्यक्रमों को रोकने गई पुलिस ने अपना असली रूप दिखा दिया। ऐसा एक्शन लिया कि गांवों में हड़कंप मच गया। बिना अनुमति कार्यक्रम रोकने के नाम पर पुलिस ने सिर्फ आयोजन नहीं रुकवाया, बल्कि लोगों पर जमकर लाठीचार्ज किया। घरों में घुसकर तोड़फोड़ मचाई और महिलाओं से बदसलूकी के गंभीर आरोप भी लगे हैं। पुलिसिया तांडव के सबूत अब बाहर आने लगे हैं।
क्षत्रिय समाज के लोगों ने गुरुवार को वरिष्ठ नेता धनवीर सिंह तोमर के नेतृत्व में पुलिस कमिश्नर से मुलाकात कर नौफरी गांव में पुलिस द्वारा किये गये तांडव की जानकारी देते हुए शिकायत दी। गांव वालों का कहना था कि कार्यक्रम रोकना था तो शांति से भी रुक जाता, ये तांडव क्यों मचाया गया, जिसमें घरों में तोड़फोड़ और महिलाओं से अभद्रता तक शामिल है। आकाश शर्मा नामक युवक ने अपनी जंजीर पुलिसकर्मियों द्वारा तोड़कर लिए जाने की शिकायत भी पुलिस कमिश्नर को दी है।
क्षत्रिय समाज के वरिष्ठ नेता धनवीर सिंह तोमर ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नौफरी गांव में तो सिर्फ होर्डिंग लगे थे, वहां भी पुलिस ने जेसीबी मंगवाकर ये उखड़वा दिए। नौफरी में घरों के दरवाजे-खिड़कियां तोड़ी गईं, सोफे तक पलट दिए गए। अपने बाल कटवा रहे एक युवक आकाश की सोने की जंजीर भी पुलिसकर्मी तोड़ ले गए।
स्थानीय ग्रामीणों और करणी सेना कार्यकर्ताओं का कहना है कि पुलिस ने महिलाओं से गलत तरीके से बात की, घरों में जबरन घुसी और बच्चों तक को डराया। कई घरों के शीशे तोड़े गए और सामान फेंक दिया गया। इस कार्रवाई से पूरे गांव में भय और गुस्से का माहौल है।
पुलिस द्वारा नौफरी गांव में 11 करणी सैनिकों को पकड़ने के बाद देर रात करणी सेना के सैकड़ों कार्यकर्ता एकता चौकी पर पहुंचे और जमकर हंगामा किया। उन्होंने पुलिस की बर्बरता पर कड़ा ऐतराज़ जताया और गिरफ्तार कार्यकर्ताओं को छोड़ने की मांग की। पुलिस ने इन सभी का शांति भंग में चालान कर दिया है।
घटनाक्रम के बाद गांव के लोगों ने भाजपा नेताओं से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन एक-दो नेताओं को छोड़ अधिकांश नेताओं ने फोन नहीं उठाया। भाजपा के जिन नेताओं को घटनाक्रम का ब्यौरा मिला, उन्होंने पुलिस अधिकारियों से सम्पर्क करने की कोशिश की, लेकिन किसी पुलिस अधिकरी का फोन नहीं उठा। इससे लगता है कि पुलिस ने सोच समझकर यह एक्शन लिया और पहले ही यह तय कर लिया था कि नेताओं की भी नहीं सुननी।
एकता चौकी पर देर रात तक हंगामा चला। सूचना मिलने के बाद वरिष्ठ नेता धनवीर सिंह तोमर समेत क्षत्रिय समाज के कई नेता भी वहां पहुंच गये थे। विहिप नेता आशीष कुमार गुप्ता, अजय पाल सिंह धमैना, वीरेश रघुवंशी, कान्हा रघुवंशी और हर्ष केसरी समेत तमाम अन्य लोग भी एकता चौकी के घेराव में शामिल रहे।
पुलिस द्वारा नौफरी गांव में किये गये तांडव के बारे में गांव वालों की ओर से एसीपी आदित्य से शिकायत की गई है। एसीपी आदित्य कुमार ने दो दिन में जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया है। वहीं पुलिस का कहना है कि कार्रवाई सिर्फ बिना अनुमति कार्यक्रमों को रोकने के लिए की गई थी।
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