आगरा। एसएन मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने एक मरीज की दुर्घटना में टुकड़े -टुकड़े हो चुकीं पसलियों और फेफड़ों में घुस चुके हड्डी के टुकड़ों की वजह से प्रभावित हुए फेफड़े की सर्जरी कर सही करने का कारनामा कर दिखाया। यह जटिल सर्जरी पहले दिल्ली या जयपुर में ही होती थीं पर अब एसएन में भी यह सुविधा मरीजों को मिलने लगी है।
फिरोजाबाद निवासी 55 वर्षीय नरेंद्र पाल सिंह पेशे से चूड़ियों का काम करते हैं। एक भयानक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए। उनकी छाती पर ऑटो गिरने से सभी बाईं पसलियां कई जगह से टूट गईं और टूटी हुई हड्डियों के टुकड़े फेफड़ों में घुस गए थे। जिससे उनके फेफड़ों में खून भर गया और उनकी हालत बेहद नाजुक हो गई। वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करते हुए उनका ऑक्सीजन स्तर लगातार गिरता जा रहा था।
एसएन मेडिकल कॉलेज के कार्डियोथोरेसिक वैस्कुलर सर्जन डॉ. सुशील सिंघल और उनकी विशेषज्ञ टीम ने बिना समय गंवाए आपातकालीन सर्जरी का निर्णय लिया। चार घंटे की इस जटिल सर्जरी में मरीज के फेफड़ों की मरम्मत की गई और सभी टूटी हुई पसलियों की प्लेटिंग कर मरीज को नई जिंदगी दी गई।
कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ. सुशील सिंघल ने बताया कि सर्जरी के बाद मरीज को एक दिन आईसीयू में निगरानी में रखा गया और 14 दिनों की गहन देखभाल के बाद पूरी तरह स्वस्थ होकर डिस्चार्ज कर दिया गया। अब नरेंद्र पूरी तरह खतरे से बाहर हैं और सामान्य जीवन की ओर बढ़ रहे हैं।
उत्तर भारत में दुर्लभ जीवनरक्षक सर्जरी
यह जटिल सर्जरी उत्तर भारत में बहुत कम देखी जाती है, क्योंकि विशेषज्ञता और जागरूकता की कमी के कारण कई मरीज समय पर सही इलाज नहीं करा पाते और अपनी जान गंवा देते हैं। एसएन मेडिकल कॉलेज ने इस सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देकर यह साबित किया है कि सही समय पर किया गया इलाज किसी भी जीवन को बचा सकता है।
सर्जरी टीम में ये रहे शामिल
डॉ. सुशील सिंघल (कार्डियोथोरेसिक वैस्कुलर सर्जन), डॉ. यशवर्धन, डॉ. आकाश, डॉ. ज़फर, एनेस्थीसिया टीम: डॉ. अर्चना, डॉ. अतीहर्ष (क्रिटिकल केयर), डॉ. कृष्णा, डॉ. श्रेयस, स्टाफ: मोनू, सचिन।
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