आगरा : जिला कांग्रेस में गुटबंदी खुलकर सामने आ गई है। जिलाध्यक्ष में बदलाव का विरोध जताते हुए पुरानी कार्यकारिणी ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। इससे लोकसभा चुनाव के ऐन पहले पार्टी के सामने बड़ा संकट दिखने लगा है। चुनाव प्रचार को लेकर टीम ही उपलब्ध नहीं है।
कांग्रेस-सपा गठबंधन के तहत फतेहपुरसीकरी लोकसभा सीट कांग्रेस के हिस्से में आई है। कांग्रेस ने रामनाथ सिकरवार को यहां से प्रत्याशी बनाया है। इस लोकसभा क्षेत्र में जिला इकाई की जिम्मेदारी है।
बताया गया है कि जिले की पूरी इकाई और ब्लाक तक के पदाधिकारियों ने सामूहिक इस्तीफा नेतृत्व को भेज दिया है। कार्यकारिणी तैयार नहीं होने के कारण चुनाव प्रचार को धार नहीं मिल पा रही है। कांग्रेस प्रत्याशी निजी टीम और कुछ कार्यकर्ताओं के साथ ही प्रचार में जुटे हैं।
नई कार्यकारिणी गठित करने का प्रयास हो रहा है, लेकिन सदस्यों को लेकर मुश्किल आ रही है। पुराने पदाधिकारियों को प्रलोभन दिया जा रहा है, लेकिन अधिकांश तैयार नहीं हैं। जिले के कुछ पदाधिकारियों ने पिछले दिनों जिलाध्यक्ष अरुण शर्मा पर अभद्रता करने का आरोप भी लगाया।
जिलाध्यक्ष अरुण शर्मा का कहना है कि प्रचार के लिए कुछ कार्यकर्ताओं का चयन किया गया है। अभी कार्यकारिणी का गठन नहीं हुआ है। गठन पार्टी का आंतरिक मामला है इसलिए साझा नहीं कर सकते हैं।
दूसरी ओर पूर्व जिलाध्यक्ष राघवेंद्र सिंह मीनू ने कहा कि उनकी जिलाध्यक्ष अरुण शर्मा से कोई वार्ता नहीं हुई है। कार्यकारिणी ने अपनी इच्छा से इस्तीफा दिया है। उन्हें धमकाया जा रहा है, जिससे कोई कार्य करने को तैयार नहीं है।