आगरा। कीठम में सूरकुटी स्थित दृष्टि बाधित विद्यालय परिसर में 12 साल के बच्चे की खुदकुशी ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। हर कोई हैरान है कि 12 साल के बच्चे ने आत्महत्या जैसा घातक कदम कैसे उठा लिया जबकि इस उम्र के बच्चे इस बारे में सोच तक नहीं सकते।
विद्यालय की लाइब्रेरी में फंदे पर झूला बालक अमित स्कूल प्रिंसिपल महेश कुमार के साले का पुत्र था। पिता अशोक कुमार ने अपने बेटे अमित को अपनी बहन और बहनोई के घर बेहतर शिक्षा के लिए भेजा था। पिछले चार साल से यह बालक बुआ-फूफा के घर पर रहकर ही पढ़ाई कर रहा था। वह रुनकता के एक स्कूल में पढ़ रहा था।
बालक अमित की सुसाइड की जो वजह सामने आई है, वह बहुत सामान्य सी घटना है। पुलिस को छानबीन में इतना ही पता चला है कि अमित अपनी फुफेरी बहन के साथ खेल रहा था। खेल-खेल में दोनों के बीच विवाद हुआ। इसके बाद अमित लाइब्रेरी में गया और दरवाजा बंद कर खुद को फंदे पर लटका लिया। अमित के कहीं नजर न आने पर खोजबीन हुई तो लाइब्रेरी में फंदे पर लटका दिखा। अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
छोटे से बालक के आत्मघाती कदम ने हर किसी को हिला दिया है। 12 साल का कोई बालक आत्महत्या भी कर सकता है, यह सोच-सोच कर ही सभी परेशान हैं। विद्यालय प्रिंसिपल महेश कुमार और उनकी पत्नी भी बहुत परेशान हैं क्योंकि जिस अमित को उन्होंने अच्छी शिक्षा के लिए अपने घर रखा हुआ था, वह उन्हीं के पास रहते हुए दुनिया से विदा हो गया।
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