वृंदावन में 2010 के बाद इस वर्ष फरवरी में होगा भव्य कुंभ मेला, तैयारियां जोरों पर

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Mathura (Uttar Pradesh, India) मथुरा  हरिद्वार से पहले वृंदावन में मिनी कुंभ का शुभारंभ 16 फरवरी से होने जा रहा है। जो कि 28 मार्च तक लगेगा। इससे पूर्व 2010 में भव्य कुंभ मेला लगा था। इस वर्ष कुंभ मेला फरवरी माह की बसन्त पंचमी से शुरू हो रहा है। इसकी तैयारियां मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण सहित कई कार्यदायी संस्थाओं द्वारा की जा रही हैं। वृंदावन में होने वाले कुंभ मेले की सुरक्षा दो जोन और सात सेक्टरों में बांटी गई है। पुलिस लाइन के साथ दो थाने और 10 चौकियां भी बनाई गई हैं। पूरे कुंभ मेले की सुरक्षा 1625 सुरक्षाकर्मियों के कंधों पर होगी। जोन में एएसपी सेक्टरों की कमान सीओ संभालेंगे। यहां आने वाले संत और श्रद्धालु सीसीटीवी की नजर में रहेंगे। कंट्रोल रूम से मेला स्थल की हर गतिविधि पर नजरें रखी जाएंगी।
कुंभ मेला स्थल में प्रवेश के लिए टटिया स्थान के सामने मुख्य द्वार निर्माण किया जा रहा है

कुंभ मेला परिसर और वृंदावन में 23 पार्किंग स्थल बनाये जायेंगे। इसके लिए यातायात पुलिस ने पूरा खाका खींच लिया है। मेला स्थल के अलावा छटीकरा, पानीगांव तिराहा भी पार्किंग बनेंगी। चिन्हित ई-रिक्शा से दिव्यांग, वृद्ध श्रद्धालुओं को कुंभ मेला स्थल तक पहुंचाया जाएगा। कुंभ का द्वार के निर्माण के साथ ही मार्ग, पार्किंग और यमुना तट पर तीन घाटों का निर्माण कार्य हो रहा है। यह कुंभ मेला के नोडल अधिकारी एवं एमवीडीए के उपाध्यक्ष नगेन्द्र प्रताप की देखरेख में मिनी कुंभ की तैयारियां टटिया स्थान से लेकर केशीघाट तक की जा रही है। कुंभ स्थल में प्रवेश करने के लिए टटिया स्थान के सामने मुख्य द्वार एमवीडीए द्वारा निर्माण किया जा रहा है। द्वार की फाउंडेशन और पिलर तैयार होने के बाद लैंटर का कार्य चल रहा है। कुंभ स्थल पर लंबे समय से हो रहे अतिक्रमण को हटाने के बाद लोकनिर्माण विभाग द्वारा समतलीकरण का कार्य तेजी से किया जा रहा है। कुंभ में धर्म अखाड़ों और मंदिरों के लगने वाले खालसाओं तक पहुंचने क लिए पक्के मार्ग का निर्माण हो रहा है। पीडब्ल्यूडी द्वारा गिट्टी डालकर पक्के और उसके साथ ही कच्चे मार्ग का निर्माण किया जा रहा है। यह कार्य अभी सिर्फ टटिया स्थान के सामने हो रहा है।

कुंभ में लगने वाले संत, महंतों, खालसाओं के शिविर और संतों को गंगाजल की आपूर्ति की जाएगी

यमुना किनारे केशीघाट क्षेत्र में विभागों द्वारा अभी तक किसी तरह की तैयारियां शुरु नहीं हुई हैं। इस क्षेत्र में लोगों ने पक्के और कच्चे अवैध निर्माण कर लिए हैं। यमुना किनारे गंदगी और मलवे के ढेर लगे हैं। एमवीडीए और लोक निर्माण विभाग को अतिक्रमण हटाने और लेबलिंग कर कुंभ मेला स्थल तैयार करने में कड़ी मशक्कत करनी होगी। जलनिगम द्वारा मिनी कुंभ में लगने वाले संत, महंतों के शिविर और खालसाओं संतों को गंगाजल की आपूर्ति की जाएगी। इसके लिए जलनिगम द्वारा भूमिगत पाइप लाइन बिछाने का कार्य किया जा रहा है। यह पाइप लाइन प्रत्येक शिविर एवं खालसा तक पहुंचेगी। वहीं जगह-जगह देश-विदेश से मिनी कुंभ में आने वाले श्रृद्धालुओं को भी गंगाजल पीने को मिलेगा।

तालाब का पाटकर पार्किंग स्थल बनाया जा रहा
नगर के दो बड़े नाले कुंभ मेला क्षेत्र से होकर जा रहे हैं। इनमें से एक का रुख यमुना की ओर है। तो दूसरे नाले का दूषित पानी यमुना किनारे जमा हो जाता है। जिससे यहां दूषित पानी का तालाब बन गया है। धोबी घाट होने के कारण काष्टिक सोड़ा और दूषित पानी भी सीधे इस तालाब में जमा होता है। कुंभ की तैयारियों में लोकनिर्माण विभाग द्वारा इस तालाब को पाटने का कार्य किया जा रहा है। साथ ही लेबलिंग कर तालाब के स्थान पर पार्किंग स्थल बनाया जा रहा है। साथ ही नालों को बंद किया जा रहा है।

Dr. Bhanu Pratap Singh