आम बजट 2022 में रक्षा बजट के हाथों में 5.25 लाख करोड़ रुपये आया है। इस बजट से रक्षा जानकार काफी खुश हैं। मेजर जनरल (रिटा.) पीके सहगल का कहना है कि देश के मौजूदा हालातों में इससे बेहतर बजट रक्षा क्षेत्र के लिए देना काफी मुश्किल था। उनके मुताबिक सरकार का पूरा जोर मेक इन इंडिया पर है। भविष्य में देश जवान और सेना स्वदेशी तकनीक और स्वदेशी उपकरणों से लैस होंगे। साथ ही भविष्य में भारत दुनिया के विभिन्न देशों को अपने बनाए उपकरणों और हथियारों को बेचने में भी सहायक होगा। उनकी निगाह में ये बजट देश के रक्षा क्षेत्र को न सिर्फ गति देगा बल्कि इस क्षेत्र में लगी स्वदेशी कंपनियों को भी तरक्की की राह पर आगे बढ़ाएगा।
रक्षा बजट पर बात करते हुए मेजर जनरल सहगल ने कहा कि इस बजट की सबसे अच्छी बात यही है कि आयात को कम किया जाएगा और घरेलू बाजार को बढ़ाया जाएगा। रिसर्च डेवलेपमेंट के लिए इससे नई कंपनियां सामने आएंगी और नए स्टार्टअप भी खुलेंगे। इस क्षेत्र में 25 फीसद का उछाल काफी अहमियत रखता है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि देश का रक्षा बजट अब भी जीडीपी के हिसाब से से दो फीसद से कम है। इसको कम से कम तीन फीसद होना ही चाहिए। चीन से मुकाबला करने के लिए इतना बजट बेहद जरूरी है लेकिन देश के सामने कई चुनौतियां रही हैं। ऐसे में इस बजट को बेहतर ही कहा जाएगा।
उन्होंने कहा कि यदि भारत को विश्व की उभरती महाशक्ति के रूप में दुनिया के सामने लाना है तो जरूरी है कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना जाए। आत्मनिर्भर बनकर ही हम हिंद महासागर से लेकर दक्षिण चीन सागर में अपनी अहम भूमिका निभा सकेंगे। पिछले वर्ष में जहां भारती की रक्षा कंपनियों को 65 हजार करोड़ के आर्डर मिले थे इस बार ये कहीं अधिक होंगे। इससे डिफेंस इंडस्ट्रियल कारिडोर को भी गति मिलेगी। वहीं बड़े पैमाने पर देश की डिफेंस कंपनियां आगे आएंगी और वर्ल्ड क्लास के डिफेंस इक्यूपमेंट्स बनाएंगी। आने वाले कुछ वर्षों में भारत एक बड़े आर्म्स सप्लायर के रूप में सामने आ सकेगा।

रक्षा क्षेत्र के लिए इससे बेहतर बजट संभव नहीं: मेजर जनरल (रिटा.) पीके सहगल
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