कैदियों की रिहाई की प्रक्रिया तेज करने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। मुख्य न्यायाधीश CJI एनवी रमना ने गुरुवार को ‘Fast and Secured Transmission of Electronic Records’ (FASTER) साफ्टवेयर लॉन्च किया है। मुख्य न्यायाधीश ने गुरुवार सुबह 10 बजे वर्चुअली इस सॉफ्टवेयर को लॉन्च किया। चीफ जस्टिस ने इसके लिए जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस जे खानविलकर और जस्टिस गुप्ता का धन्यवाद किया है।
रिहाई प्रक्रिया कैसे होगी तेज?
दरअसल, अभी कैदियों को जमानत मिलने के बाद आदेश की कॉपी जेल प्रशासन तक पहुंचने में काफी समय लग जाता है, जिस वजह से कैदियों की रिहाई में 2-3 दिन की देरी हो जाती है। ‘फास्टर’ के जरिए आदेश की कॉपी को जल्दी और सुरक्षित तरीके से इल्केट्रॉनिक मोड में भेजा जाएगा जिससे कैदियों की रिहाई में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।
फास्टर सिस्टम लॉन्च करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि जुलाई में अखबार मे एक खबर पढ़ी थी कि सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी कैदी तीन दिन बाद भी जेल से नहीं छूट सका था क्योंकि कोर्ट की कॉपी जेल तक नहीं पहुंची थी इसीलिए तब इस सिस्टम को लॉन्च करने के बारे में सोचा गया।
सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर में दिया था आदेश
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते साल सितंबर में आदेशों की कॉपी को जल्द पहुंचाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम लांच करने के आदेश दिए थे। रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने सिस्टम पर काम करने का सुझाव दिया था।
ई मेल से जुड़ेंगे अधिकारी
चीफ जस्टिस ने कहा कि ‘फास्टर’ के लिए 73 नोडल अधिकारियों को नामित किया गया है। इन अधिकारियों को विशिष्ट न्यायिक संचार नेटवर्क से जोड़ा है। उन्होंने बताया कि ये अधिकारी दूसरे न्यायिक अधिकारियों और जेल प्रशासन के साथ मेल के जरिए जुड़ेंगे। नोडल और अन्य अधिकारियों के 1887 ईमेल आईडी बनाई गई हैं।
-एजेंसियां
- Agra News: ट्रांस यमुना में मकान पर कब्जे के विवाद में छत से गिरी महिला, जांच के बाद चार पुलिसकर्मी निलंबित - July 21, 2025
- Agra News: सावन आश्रम में जीवनदायी सेवा, 57 लोगों ने किया रक्तदान - July 21, 2025
- Agra News: सेवा, भक्ति और करुणा के पथ पर तपस्या फाउंडेशन का मानवीय प्रयास, जरूरतमंद बच्चों को किया रेनकोट का वितरण - July 21, 2025