मूडीज ने साल 2022 के लिए भारत के विकास अनुमान को 9.5 प्रतिशत से घटाकर 9.1 प्रतिशत कर दिया है. मूडीज़ का कहना है कि ज्यादा मात्रा में ईंधन और फर्टिलाइजर आयात सरकार के पूंजीगत व्यय को सीमित कर सकता है.
पूंजीगत व्यय सरकारी खर्च का वो हिस्सा होता है जिसे सरकार सड़क, स्कूल, राजमार्ग, डैम, रेल जैसे फिक्स्ड एसेट्स पर खर्च करती है
मूडीज़ के मुताबिक यूक्रेन पर रूस के हमले से आर्थिक विकास को नुकसान होगा जिसका असर भारत पर पड़ेगा. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि 2023 में भारत की वृद्धि 5.4 प्रतिशत होने की संभावना है.
मूडीज़ का कहना है कि भारत तेल की बढ़ती कीमतों के प्रति संवेदनशील है क्योंकि भारत कच्चे तेल का बड़ा आयातक है हालांकि अनाज का जरूरत से ज्यादा उत्पादन होता है जिससे बढ़ती कीमतों के बीच कुछ समय के लिए कृषि निर्यात को फायदा होगा.
तेल के बढ़ते दाम और फर्टिलाइजर पर होने वाला खर्च सरकार की जेब पर सीधा भार डालती है जिससे नियोजित पूंजीगत व्यय सीमित होता है.
मूडीज़ इन्वेस्टर्स सर्विस ने कहा, “इन सभी कारणों से, हमने 2022 के लिए भारत के विकास अनुमान को 0.4 प्रतिशत कम कर दिया है. अब हमें उम्मीद है कि इस साल अर्थव्यवस्था 9.1 प्रतिशत बढ़ेगी.”
-एजेंसियां
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