पाक में भारतीय मिसाइल का गिरना कई संकटों के एक साथ आने का संकेत: शेरी

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भारत की मिसाइल ‘ग़लती’ से पाकिस्तानी क्षेत्र में गिरने को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह बयान दे चुके हैं. इस बयान को पाकिस्तान की तरफ़ से ख़ारिज भी किया जा चुका है. पाकिस्तान की तरफ़ से इस मामले में एक के बाद एक बयान सामने आ रहे हैं.
अब पाकिस्तान की सीनेट में विपक्षी पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की नेता और विदेशी मामलों की स्थायी समिति की चेयरपर्सन शेरी रहमान ने भी सवाल उठाए हैं.
कमेटी की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए शेरी ने कहा कि पाकिस्तान में भारतीय मिसाइल का गिरना कई संकटों के एक साथ आने का संकेत है, इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
पाकिस्तान के अंग्रेज़ी अख़बार डॉन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक़ शेरी रहमान ने इस मीटिंग में कहा कि ध्यान देने वाली बात ये है कि भारत की तरफ़ से ‘तकनीकी गड़बड़ी’ विवादित क्षेत्र में नहीं हुई. इस्लामाबाद से क़रीब 500 किलोमीटर दूर मियां चन्नू में हुई है.
उन्होंने सवाल उठाया कि भारत, अमेरिका और चीन के बाद सैन्य ख़र्चों में दुनिया का तीसरे नंबर का देश है, ऐसे में भारत ‘रूटीन चेक’ के दौरान इतने बड़े पैमाने पर भूल कैसे कर सकता है.
शेरी रहमान ने 12 मार्च को ट्विटर के ज़रिए भी यही सवाल पूछा था, उन्होंने लिखा था, ”मैं अब तक ये समझ नहीं पाई हूं कि एक मिसाइल ‘दुर्घटनावश’ बॉर्डर पार कैसे पहुंच सकती है. परमाणु संपन्न देशों को साफ़ तौर पर सख़्त सुरक्षा और प्रोटोकॉल की ज़रूरत है. अगर इस मिसाइल में वारहेड होता तो क्या होता? भारत को इसे बेहतर तरीक़े से समझाना चाहिए.”
अमेरिका के रुख़ से संतुष्ट नहीं है पाकिस्तान
शेरी रहमान ने इसी के साथ दूसरे देशों पर भी निशाना साधते हुए कहा है कि इस मामले में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी निराशाजनक है. वो पूछती हैं कि अगर ऐसी ही कोई मिसाइल पाकिस्तान ने भारत पर लॉन्च किया होता तो क्या ऐसी चुप्पी बनी रहती?
वहीं मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने अमेरिका के रवैये पर सवाल उठाया है. कुरैशी का कहना था कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय, मिसाइल के मामले में अपना रुख़ साफ़ नहीं कर रहा है.
दरअसल, अमेरिका ने इसे महज़ एक दुर्घटना बताया है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा है कि भारत की तरफ से मिसाइल दागा जाना सिर्फ एक दुर्घटना थी.
नेड प्राइस ने कहा था- ” जैसा कि आपने हमारे भारतीय सहयोगियों से भी सुना है कि इस बात के कोई संकेत नहीं है कि ये दुर्घटना के अलावा कुछ और था.”
अब महमूद कुरैशी का कहना है कि वो मिसाइल मामले में संयुक्त राष्ट्र महासचिव से भी बात कर चुके हैं. साथ ही उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासचिव और सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष को चिट्ठी लिखी है.
पाकिस्तान जर्मनी को भी मामले की जानकारी दे चुका है.
-एजेंसियां

Dr. Bhanu Pratap Singh