आगरा। कमला नगर क्षेत्र में सक्रिय एक कुख्यात हनीट्रैप गैंग का आगरा पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। जिस महिला ने खुद को पीड़िता बताकर डीसीपी सिटी कार्यालय में रोते हुए शिकायत की थी, वही इस पूरे गैंग की मुख्य सरगना निकली। पुलिस ने महिला और उसके साथी गणेश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि गिरोह के तीन सदस्य—रियाज़, प्रविंद्र और प्रवेश—अब भी फरार हैं।
गिरफ्तार आरोपियों के पास से मिले मोबाइल और पेन ड्राइव में कई लोगों के आपत्तिजनक वीडियो और चैट्स बरामद हुए हैं, जिनसे पुलिस के होश उड़ गए।
शिकायत लेकर पहुंची महिला ही निकली ‘मास्टरमाइंड’
करीब एक सप्ताह पहले महिला डीसीपी सिटी कार्यालय पहुँची और आरोप लगाया कि एक युवक ने उसका अश्लील वीडियो बनाकर लाखों रुपये की मांग की है। उसने कहा कि रुपये न देने पर वीडियो वायरल कर दिया जाएगा।
शिकायत की गंभीरता को देखते हुए डीसीपी सिटी ने तुरंत जांच शुरू कराई। लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, पूरा मामला पलट गया।
मोबाइल जांच में खुले राज, महिला के फोन में मिले कई अश्लील वीडियो
तकनीकी जांच और कॉल डिटेल्स में सामने आया कि महिला खुद एक सक्रिय हनीट्रैप गैंग की संचालक है। उसके मोबाइल में कई पीड़ितों के वीडियो और संदिग्ध चैट्स मिले। इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की, जहां उसने गिरोह के संचालन की बात कबूल कर ली।
मिस्ड कॉल से शुरू होता था जाल
पुलिस जांच में गिरोह की कार्यप्रणाली भी सामने आई—
पहले लक्षित युवकों को मिस्ड कॉल किया जाता था।
कॉल बैक करने पर महिला दोस्ती बढ़ाती और प्रेमजाल में फँसाती।
कुछ दिनों बाद उन्हें होटल या गेस्ट हाउस मिलने बुलाया जाता।
कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाया जाता।
बेहोशी की हालत में अश्लील वीडियो बनाए जाते।
फिर वीडियो वायरल करने और दुष्कर्म के झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर मोटी रकम वसूली जाती।
रियाज़ बनता था पुलिस अधिकारी
गैंग का सदस्य रियाज़ पीड़ितों को फोन कर खुद को कानपुर पुलिस का अधिकारी बताता था। वह धमकी देता “समझौता नहीं किया तो गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर दूँगा।” इस डर से कई पीड़ित पैसे देने को मजबूर हो जाते थे।
₹4.12 लाख की उगाही का खुलासा, कई और वीडियो मिले
गिरफ्तार महिला और गणेश ने कबूल किया कि अब तक वे तीन लोगों से ₹4.12 लाख वसूल चुके हैं। महिला के फोन से तीन और युवकों के आपत्तिजनक वीडियो मिले हैं, जिन्हें गिरोह जल्द ही निशाना बनाने वाला था।
ऑनलाइन गेमिंग में कर्ज के कारण बनी अपराधी
पूछताछ में महिला ने बताया कि वह ऑनलाइन गेम्स की लत में बड़ी रकम हार बैठी थी। कर्ज बढ़ने पर उसने इस गिरोह के साथ मिलकर पैसे उगाहने का रास्ता चुना। जिस युवक के खिलाफ उसने डीसीपी से शिकायत की थी, वह पैसे देने से बच रहा था, इसलिए वह खुद को पीड़िता बनाकर पुलिस तक पहुंच गई।
दो गिरफ्तार, तीन फरार—पुलिस की दबिश जारी
पुलिस ने महिला सरगना और उसके साथी गणेश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। रियाज़, प्रविंद्र और प्रवेश की तलाश में पुलिस टीमें लगातार दबिश दे रही हैं। अधिकारियों को आशंका है कि इस गैंग के और भी पीड़ित सामने आ सकते हैं।
पुलिस का बयान
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गिरोह लंबे समय से सक्रिय था और पूरी तरह संगठित तरीके से युवकों को शिकार बनाता था। तकनीकी सबूत मिल चुके हैं और फरार आरोपियों की गिरफ्तारी जल्द की जाएगी।
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