लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन दिनों बिहार विधानसभा चुनाव में जोरदार प्रचार कर रहे हैं। सोमवार को एक रैली के दौरान उन्होंने महागठबंधन पर तंज कसते हुए कहा कि “आपने गांधी जी के तीन बंदरों के बारे में सुना होगा… आज INDI गठबंधन के अपने तीन और बंदर आ गए हैं — पप्पू, टप्पू और अप्पू। पप्पू सच नहीं बोल सकता, टप्पू सही को देख नहीं सकता और अप्पू सच नहीं सुन सकता।”
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि ये तीनों “बंदर” परिवार के माफियाओं को बहला-फुसलाकर बिहार की सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि “इन लोगों ने बिहार में जाति को जाति से लड़ाया, बंदूक और पिस्तौल से पूरे प्रदेश की व्यवस्था को कलंकित कर दिया। ये वही लोग हैं जो समाज को जाति के आधार पर बांटते हैं, घुसपैठियों को आमंत्रित करते हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करते हैं।”
सीएम योगी के इस बयान पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने करारा पलटवार किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर लिखा —“जो लोग आईना देखकर आते हैं, उन्हें हर तरफ़ बंदर नज़र आते हैं, बंदर की टोली में बैठा दिये जाएं तो अलग नज़र भी नहीं आते हैं!”
अखिलेश यादव की यह टिप्पणी तेजी से वायरल हो रही है और राजनीतिक गलियारों में नए सियासी संवाद का विषय बन गई है। बिहार चुनावी संग्राम में दोनों नेताओं के बीच यह वाकयुद्ध अब और तीखा होता जा रहा है।
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