‘एक बच्चे को जन्म देने वाली मां नागिन…’ मां-बेटे के रिश्ते पर यति नरसिंहानंद का विवादित बयान

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गाजियाबाद: यूपी के गाजियाबाद जिले में स्थित डासना देवी मंदिर के पीठाधीश यति नरसिंहानंद सरस्वती एक बार फिर मां-बेटे के रिश्ते को लेकर विवादित बयान दिया है। यति नरसिंहानंद सरस्वती मुजफ्फरनगर के श्याम-श्याम मंदिर में आयोजित यज्ञ में हिस्सा लेने पहुंचे थे।

जहां उन्होंने एक बच्चे को जन्म देने वाली मां की तुलना नागिन से की है। यति नरसिंहानंद ने कहा, कि जिसका कोई सगा भाई नहीं होता, उसका अस्तित्व नहीं होता। ऐसी मां अपने बच्चों के भविष्य के लिए खतरा होती है।

गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के महंत और जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद सरस्वती एक और नया विवादित बयान देकर सुर्खियों में आ गए हैं। यति ने हिन्दुओं की घटती आबादी के लिए महिलाओं को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा एक बेटा पैदा करने वाली मां असल में उस नागिन के जैसी है जो खुद ही अपने बच्चे को खा जाती है।

उन्होंने हिन्दुओं के घटते हुए जनसंख्या अनुपात और छोटे होते परिवारों को वर्तमान समय की हिन्दुओं की सबसे बड़ी समस्या बताते हुए समस्त हिन्दू समाज और महिलाओं से अधिक से अधिक बच्चे पैदा करने का आह्वान किया। यति ने कहा कि अगर हमें अपने परिवार, अपनी नारियों सहित अपना अस्तित्व बचाना है तो हिन्दुओं को अधिक से अधिक बच्चे पैदा करने पड़ेंगे। अगर हिन्दुओं ने ऐसा नहीं किया तो कोई भगवान अवतार लेकर हिन्दुओं को बचा नहीं पाएंगे। अतः अब हिन्दुओं को अपनी जनसंख्या बढ़ाने का लक्ष्य रखना चाहिए। इसके लिए सनातन धर्मियों का धनी समाज विशेष रूप से योजना बनाए और संपूर्ण समाज को इसके लिए प्रेरित करे।

यति नरसिंहानंद ने कहा कि आजकल हमारे घरों में एक बेटा पैदा करने का चलन बढ़ गया है। अगर किसी के पहला बेटा हो जाता है तो वो परिवार दूसरा बच्चा करना ही नहीं चाहता। ज्यादातर क्या होता है एक बेटा और एक बेटी। देखिए यह बहुत बड़ा पाप है। हमारे धर्म और वेद कहते हैं कि एक बेटे के होने से तो बेटे का ना होना अच्छा है। और वेद का कोई वाक्य कभी झूठा नहीं होता। उन्होंने यज्ञ में मौजूद लोगों से कहा कि अगर आपमें से कोई एक बेटा करता है, तो उससे अच्छा है वो उसे भी ना करे। आप एक बात समझिए वो मां जो केवल एक बेटे को जन्म देती है, नागिन की तरह होती है। जैसे नागिन अपने अंडे देती है और फिर खुद ही खा जाती है। एक बेटे की मां ऐसे होती है कि उसने बेटा तो पैदा कर दिया अपनी मौज-मस्ती के लिए, लेकिन उसके विनाश का कारण वही मां बनेगी।

उन्होंने कहा कि एक बेटा, जिसका कोई सगा भाई है ही नहीं, इस पृथ्वी पर फिर उसकी मदद करने वाला कौन है। भगवान राम ने हमें बताया था कि भाई का क्या महत्व होता है। जब लक्ष्मण जी को शक्ति लग गई थी तो भगवान राम ने विलाप करते हुए कहा था कि अरे लक्ष्मण अगर मुझे पता होता है कि तेरी यह दशा हो जाएगी तो मैं अपने पिता की बात मानकर अयोध्या छोड़कर यहां नहीं आता। सगे भाई का महत्व जीवन में पिता से भी ज्यादा होता है। भाई का महत्व और किसी रिश्ते पत्नी और पुत्र से हजार गुना बहुत ज्यादा है। दुनिया में वह व्यक्ति जिसका कोई सगा भाई, सगी बहन नहीं है, उससे बड़ा दुर्भाग्यशाली व्यक्ति कोई नहीं हो सकता। उसके माता-पिता तो उसके दुश्मन हैं। विशेष रूप से माता, पिता का भी कम दोष नहीं है। लेकिन माता का दोष बहुत बड़ा है।

उन्होंने यज्ञ में मौजूद लोगों से कहा कि अगर आपसे यह गलती हो गई है तो अब उसका प्रायश्चित करिए और अपनी बहू-बेटियों से ज्यादा बेटे पैदा करने के लिए कहिए। अगर आपने यह काम नहीं किया तो आपका जो एक बेटे वाला पाप है उसका प्रायश्चित कभी नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि एक-एक बेटा करते हुए यदि कुछ भी ना हो तो पांच-छह पीढ़ियों के बाद वंश समाप्त हो जाता है और पृथ्वी पर वंश समाप्त होने से बड़ा पाप कोई नहीं है।

यति नरसिंहानंद सरस्वती ने हिंदू राष्ट्र की मांग बुलंद करते हुए कहा कि सनातन धर्म को मानने वालों का भी एक अलग वैदिक राष्ट्र होना चाहिए। हमारे पास अपना देश कहने के लिए एक इंच भी ज़मीन नहीं है, जबकि अन्य मजहबों के पास अपने-अपने देश हैं। नेपाल हिंसा पर उन्होंने कहा कि हिंदुओं का दमन करने का ही परिणाम है कि वहां के नेताओं को जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है।

राहुल गांधी के वोट चोरी को लेकर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए यति ने कहा कि नेता तो गली के भौंकते कुत्तों की तरह हैं, जिन्हें गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। साथ ही अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद कश्मीर में हालात पर उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा​ कि मुसलमान वहां पहले से ज्यादा कट्टर हो गया है, यह 370 हटाने के दावों की पोल खोलता है।

आपको बता दें कि डासना देवी मंदिर के पीठाधीश यति नरसिंहानंद सरस्वती मुजफ्फरनगर की गांधी नगर कॉलोनी स्थित श्याम-श्याम मंदिर में आयोजित पांच दिवसीय बगलामुखी यज्ञ में शामिल होने के पहुंचे हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह यज्ञ धर्म, परिवार और बेटियों की रक्षा के लिए किया गया।

-साभार सहित

Dr. Bhanu Pratap Singh