आगरा। अगर इस अवधि में मैं वास्तव में मर गया होता तो मेरे तो बच्चे सड़क पर आ जाते। मेरी भूमि तो मेरे परिवार के हाथ से जा चुकी होती।
यह सवाल उस किसान ने उठाया है जिसे राजस्व रिकॉर्ड में मृत दर्शाकर उसकी भूमि एक महिला और उसके तीन बेटों के नाम दर्ज कर दी गई है। यह किसान रामऔतार सिंह हैं जो पिनाहट ब्लॉक के गांव नगला भरी के निवासी हैं। रामऔतार को मृत दर्शाकर उनकी जमीन एक महिला और उनके तीन बेटों को उनका वारिस दर्शाकर उनके नाम दर्ज कर दी गई।
एसडीएम भी इस बारे में जानकर चौंक गए। उन्होंने इस मामले की जांच तहसीलदार को सौंपी है। नगला भरी निवासी रामऔतार सिंह की कृषि भूमि गाटा संख्या 847क, 164 और 867क में दर्ज है। रामऔतार सिंह फार्मर रजिस्ट्री के लिए तहसील में खतौनी लेने पहुंचे, तो वहां उन्हें पता चला कि उनकी खतौनी में 15 अप्रैल 2022 को मृत दर्शाया जा चुका है और उसकी तीनों गाटा की जमीन मुलिया देवी, दिनेश, दीपक और नरेश परिहार को उसका वारिस दर्शा कर उनके नाम पर दर्ज की जा चुकी है।
रामऔतार सिंह प्रार्थना पत्र लेकर खुद ही एसडीएम के समक्ष पेश हुए और सारा वाकया बताया। किसान का आरोप है कि यह कारनामा हलका लेखपाल और राजस्व निरीक्षक का किया हुआ है। एसडीएम भी रामऔतार सिंह की बात सुनकर हैरान थे। उन्होंने तहसीलदार को जांच सौंपते हुए आख्या मांगी है।
इधर इस मामले में जानकारी मिल रही है कि नगला भरी के ही मौजा पुरा रमनीक में भी एक रामऔतार हैं, जिनकी मृत्यु 2022 में हुई थी। दोनों रामऔतार सिंह की वल्दियत भी एक ही है। पुरा रमनीक के रामऔतार की मृत्यु होने पर लेखपाल ने बगैर जांच किए ही नगला भरी के रामऔतार की जमीन पुरा रमनीक के रामऔतार की पत्नी और उनके बेटों के नाम पर दर्ज कर दी।
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