Lucknow, Uttar Pradesh, India. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छह अगस्त, 2021 को जनता दरबार लगाया। जनता दरबार के फोटो देखकर मन गद्गद् हो जाता है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि फरियादी कुर्सी पर बैठा रहता है और मुख्यमंत्री खड़े होकर बात सुनते हैं। इस तरह के दृश्य कम से कम यूपी में कभी दिखाई नहीं पड़े हैं।
दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के अधिकारी हैं, फिर चाहे वह किसी भी स्तर के हों, जनप्रतिनिधियों को देखकर भी नहीं खड़े होते हैं। फरियादी तो उनके लिए गाजर मूली की तरह है, जिसे जब चाहा तब खेत से उखाड़कर फेंक दो यो सलाद बनाकर भक्षण कर लो। यह सामान्य सी प्रक्रिया है कि अफसरों को चाहिए कि जनप्रतिनिधियों को सम्मान दें, उन्हें बेवजह इंतजार न कराएं। जिलों में सुनता कौन है। राज्यमंत्री तक को मिलने के लिए इंतजार करना पड़ता है।

इस बारे में शिक्षाविद डॉ. केएस राना का कहना है कि अधिकारी जब तक स्वयं को अधिकारी समझेगा, वह जनता को सम्मान नहीं दे सकता है। कहने तो ये लोकसेवक हैं लेकिन अफसरशाही पूरी है। लोक की सेवा करना तो कोई जानता ही नहीं है।
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