उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम और बसपा सुप्रीमो मायावती ने मुख्तार अंसारी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “मुख़्तार अंसारी की जेल में हुई मौत को लेकर उनके परिवार द्वारा जो लगातार आशंकायें व गंभीर आरोप लगाए गए हैं उनकी उच्च-स्तरीय जाँच जरूरी है, ताकि उनकी मौत के सही तथ्य सामने आ सकें. ऐसे में उनके परिवार का दुःखी होना स्वाभाविक है. कुदरत उन्हें इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे.”
उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में सज़ा काट रहे माफ़िया से बाहुबली नेता बने मुख़्तार अंसारी का गुरुवार शाम निधन हो गया.
बांदा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल सुनील कौशल ने बताया कि अंसारी की मौत कार्डियेक अरेस्ट की वजह से हुई. अंसारी की मौत के बाद राज्य में धारा 144 लगा दी गई है और बांदा, ग़ाज़ीपुर और वाराणसी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. कई विपक्षी नेताओं ने उनकी मौत की परिस्थितियों पर सवाल उठाए हैं. अंसारी के परिवार के सदस्य भी जांच की मांग कर रहे हैं.
अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी ने कहा, “मुझे मौत की सूचना भी मीडिया के माध्यम से मिला. प्रशासन से तो कोई सूचना नहीं मिली. 18 मार्च से उनकी तबीयत काफी खराब चल रही थी. बार-बार कहने के बाद भी इलाज नहीं दिया जा रहा था. 25-26 की रात उनकी जब तबीयत बहुत ज़्यादा बिगड़ी गई तो चंद घंटों के लिए मेडिकल कॉलेज लाए और स्टेबल हैं कहकर वापस कर दिए. महीनों पहले आशंका जताई गई थी, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया.”
मुख़्तार के बेटे उमर अंसारी ने मीडिया से बातचीत में कहा, “माननीय न्यायालय के समक्ष पिताजी ने लिखकर दिया कि उन्हें खाने में जहर मिलाया गया… क्या हो गया. तबीयत बिगड़ी, आईसीयू लाए गए बीमार थे. 12 घंटे के अंदर इतना प्रेशर बढ़ा कि डॉक्टर स्वतंत्र रूप से जांच भी नहीं कर पाए.
आईसीयू से आप लोगों ने कभी नहीं सुना होगा कि आईसीयू से इंसान तन्हाई बैरिक जेल में गया. और उसका आलम है कि हार्ट अटैक हुआ उनको. बाकी बातें तो आप लोगों के सामने है.”
मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने एक ट्वीट में कहा, “पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की मौत की खबर से स्तब्ध हूं. यूपी में कानून-व्यवस्था का हाल बहुत खराब है. पुलिस हिरासत में हत्या, कचहरी में हत्या, अस्पताल में हत्या और अब मुख्तार अंसारी की संदेहास्पद मौत प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करती है. कुदरत इनके परिजनों को दुख सहने की शक्ति दे.”
-एजेंसी
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