मध्य प्रदेश की राजधानी भोपााल में खुफिया एजेंसी ने आतंकियों के बड़े मॉड्यूल को ध्वस्त किया है। आतंकी पुराने शहर में ऐशबाग थाने से 200 मीटर की दूरी पर फातिमा मस्जिद के पास बिल्डिंग में किराए का घर लेकर रह रहे थे। खुफिया एजेंसी ने ऑपरेशन चलाकर छह आतंकियों को गिरफ्तार किया। इस बिल्डिंग से कई बोरी धार्मिक साहित्य, दर्जन भर से ज्यादा लैपटाप जब्त किए गए हैं। इसके साथ ही बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और हथियार भी जब्त किए गए हैं। इस ऑपरेशन के साथ ही एक और छापा शहर के बाहर करौंद इलाके में भी मारा गया, वहां से लोकल मॉड्यूल के आतंकियों के गिरफ्तार होने की सूचना है। खुफिया एजेंसी गिरफ्तार आतंकियों को अज्ञात स्थान पर लेकर पूछताछ कर रही है। गिरफ्तारी के बाद घर को सील कर दिया गया है। इनके तार उत्तर प्रदेश के देवबंद से जुड़ रहे हैं, इनके घर से बड़ी मात्रा मे सामग्री जब्त की गई है। इन्होंने मुस्लिम बाहुल्य इलाके में रहकर ऐसे कॉलेज में दाखिला लिया था, जहां अधिकांश छात्र मुस्लिम हों।
पड़ोसी किराएदार के अनुसार देर रात 3 बजे आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद कमरे को पूरी तरह से सील कर दिया गया है, किसी को भी वहां जाने की इजाजत नहीं है। पड़ोसी का कहना है कि करीब तीन महीने से दो लोग यहां किराए पर रह रहे थे।
मकान मालकिन बोली, बार-बार आधार कार्ड मांगने पर भी नहीं दिया
मकान मालकिन नायाब जहां ने बताया कि इनमें से एक का नाम अहमद है, इसके बाद उसके साथ दूसरे लड़के आते रहे। मकान मालकिन नायाब जहां ने कहा कि सलमान नाम का एक लड़का हमारे यहां कम्प्यूटर सुधारने आया था। उसने कहा कि कोई मकान खाली हो तो दे दीजिए एक युवक शरीफे आलिमा का कोर्स कर रहा है, बाद में वो अपने परिवार को भी साथ ले आएगा। इसके बाद उन्हें किराए पर घर दे दिया। इसके बाद जब मैंने उनसे आधार कार्ड मांगा तो लगातार टालते रहे, कभी कहते घर से लाकर देंगे। फिर कहने लगे हम 15 दिन में घर खाली कर जा रहे हैं। मकान मालकिन ने कहा कि इसके बाद मैंने भी सोचा कि अब आधार की क्या जरूरत, जब ये जाने ही वाले हैं। महिला ने बताया कि देर रात शोर हुआ तो हम बाहर निकले, पहले लगा ये आपस में लड़ रहे हैं, बाहर निकले तो पुलिस वाले खड़े थे। हमने पूछा क्या हो रहा है तो पुलिस वालों ने कहा कि आप अंदर चले जाइये।
बताया जा रहा है कि सभी आतंकी छात्रों के भेष में यहां रह रहे थे, इन्होंने किसी कॉलेज में एडमिशन भी ले रखा था। ये कॉलेज में पढ़ने वाले युवाओं को बहकाकर आतंकी गतिविधियों में शामिल करने का कर रहे थे काम। खुफिया एजेंसी इस बात की पड़ताल कर रही है कि ये किस राज्य से आए थे और किस संगठन से जुड़े हैं।
ऑपरेशन को पूरी तरह गोपनीय रखा गया
खुफिया एजेंसी ने आतंकियों को पकड़ने के ऑपरेशन को पूरी तरह गोपनीय रखा। स्थानीय थाने को भी इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई। बिल्डिंग में सभी किराएदार परिवार रहते हैं, नीचे वाले मकान का किराएदार भी गायब है। पूरी गली में दहशत का माहौल है कोई कुछ बताने को तैयार नहीं है। बस सिर्फ इतना कहना है कि यह बिल्डिंग 70 साल की नायाब जहां की है।
पहले भी सिमी आतंकियों से जुड़ा था मध्य प्रदेश का कनेक्शन
खुफिया एजेंसी को इस बात की सूचना मिली थी कि आतंकियों ने अपने छिपने का ठिकाना भोपाल में बनाया है। इसके बाद जांच कर एजेंसी इन तक पहुंची गई और इन्हें गिरफ्तार कर लिया। इनकी निशानदेही पर भोपाल के बाहर करौंद क्षेत्र के एक घर में भी छापा मारा जाने की बात सामने आ रही है। शांति का टापू कहे जाने वाले मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से आतंकियों का मिलना बड़ी बात मानी जा रही है। यह पहले भी सामने आ चुका है कि आतंकी ऐसे इलाकों को अपना ठिकाना बनाते हैं, जहां का इलाका बहुत शांत हो। इसके पहले मध्य प्रदेश के इंदौर और उज्जैन के पास महिदपुर और उन्हेंल इलाके से भी सिमी आतंकियों के तार जुड़े थे। इंदौर के करीब जंगल में सिमी आतंकी हथियार चलाने की ट्रेनिंग लेते थे।
-एजेंसियां
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