kusum surana

31 दिन सिर्फ पानी पिया, जैन समाज में इस तरह की तपस्या क्यों, साध्वी वैराग्य निधि ने बताई महत्ता

RELIGION/ CULTURE

31 दिन कठोर तपस्या करने वाली कुसुम सुराना की वरघोड़ा यात्रा निकाल बहुमान

मासक्षमण तप में आहार व आहार के राग के त्याग का अभ्यास: वैराग्य निधि

Agra, Uttar Pradesh, India. तपस्विनी कुसुम सुराना ने 31 दिन कठोर सिर्फ पानी पीकर कठोर तपस्या की है। जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक श्री संघ ने वरघोड़ा यात्रा निकाल कुसुम सुराना का बहुमान किया।  जैन साध्वी वैराग्य निधि महाराज ने इस कठोर तप की महत्ता बताई।

 

कुसुम सुराना को परमात्मा के विग्रह के साथ रथ में विराजमान किया गया। यह रथ जैन दादाबाड़ी के मुख्य द्वार से प्रवचन स्थल तक आया। इस दौरान बैंडबाजों के साथ श्रद्धालु परमात्मा की जय जयकार करते रहे। प्रवचन स्थल पर जैन साध्वी वैराग्य निधि महाराज साहब ने 31 उपवास की तपस्या का पचखान कराया। श्री संघ की ओर से तपस्विनी का बहूमान अशोक कोठारी, सुरेश कुमार जैन, अर्चना वागचर, रीना दूगड, संगीता चौरडिया, कविता जैन द्वारा किया गया। कार्यक्रम के लाभार्थी जैन श्वेतांबर महिला मंडल रहा।

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साध्वी वैराग्य निधि के समक्ष कुसुम सुराना का सम्मान

इस अवसर पर परम विदुषी जैन साध्वी वैराग्य निधि महाराज ने कहा कि जैन धर्म में उपवास में केवल  उबालकर ठंडा किया पानी ही लेते हैं, वह भी सूर्य को साक्षी से, जिसे मासक्षमण तप कहा जाता है। कुसुम ने सारी अनुकूलता होने पर भी आहार व आहार के राग के त्याग का अभ्यास किया। प्रतिकूल क्षेत्र में जहां शाकाहार उपलब्ध न हो सुदृढ़ता से अपने नियमों का पालन करने की कला है यह। सम्यक अर्थात जो है उसमें राग नहीं और जो नहीं है उसकी याद नहीं।

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कार्यक्रम में उपस्थित जैन समाज के लोग।

श्रद्धा एवं भक्ति से परिपूर्ण इस कार्यक्रम में  राजकुमार जैन, संजय दूगड़, विमल, विपिन जैन, दुष्यंत जैन, राजीव पाटनी, के के कोठारी, संजय, दिनेश चौरड़िया, निखिल जैन, विनय वागचर, सलिल सेठिया, प्रमोद, प्रेम,  गौरव, आयुष, संचित ललवानी की उपस्थिति उल्लेखनीय रही है।

Dr. Bhanu Pratap Singh