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मथुरा में 2500 किसान ‘झूठे’, सरकार ने वापस लिए 45.68 लाख रुपये

REGIONAL

जनपद के 3 लाख 1 हजार 136 किसानों का सत्यापन करेंगे लेखपाल
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए तैयार किया जा रहा डाटा बेस

Mathura, Uttar Pradesh, India. किसानों के हित में अवैध हिस्सेदारी खत्म की जाएगी। सरकार की योजनाओं का लाभ पात्र किसानों को सीधे मिलेगा। इसके लिए प्रत्येक जनपद में किसानों का डाटा बेस तैयार कराया जा रहा है। किसान सम्मान निधि प्राप्त कर रहे अपात्र लोगों तक पहुंचने के लिए शासन स्तर से दो बार विभिन्न स्तरों पर सत्यापन कार्य कराया जा चुका है। अब तीसरी बार लेखपालों को सभी तथ्यों के साथ पूर्ण रूप से त्रुटिरहित सत्यापन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस सत्यापन के जरिये किसानों का डेटाबेस तैयार करने में भी मदद मिलेगी।

 

ताकि पत्र किसानों को लाभ मिले

इस बीच किसानों का डाटा बेस तैयार करने की कायावद भी चल रह रही है। डाटा बेस तैयार होने के बाद किसानों को अपनी जमीन से जुड़ी हर जानकारी आसानी मिल सकेगी वहीं शासन के पास भी खेती किसानी से जुड़े लोगों के आंकड़ों का एक पूल होगा। जिसका कई तरीके से किसानों के कल्याण के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं में उपयोग किया जा सकेगा। भविष्य में जो भी योजनाएं किसानों के लिए चलाई जाएंगी उनका सीधा लाभ पात्र किसानों तक पहुंच सकेगा।

 

बनाया जा रहा डाटा बेस

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का डाटा बेस बनाया जा रहा है। जिसमें किसानों की जमीन सहित दूसरे विवरण तहसील स्तर और जिला स्तर पर भूलेख किसान पोर्टल पर दर्ज होंगे। इसके लिए लेखपालों को दो रुपये प्रति डाटा के हिसाब से शासनादेश जारी कर दिया गया है। उपनिदेशक के स्तर से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की सूची तहसीलों को भेज दी गई है। डेटाबेस का कार्य 15 दिन के अंदर पूरा किया जाना है। जिससे कि किसानों को अगली किस्त मिल सके।

3 लाख 1 हजार 136 किसानों का होगा सत्यापन
जनपद 3 लाख 1 हजार 136 किसानों का सत्यापन होना है। इसका डाटा तहसील स्तर पर भेज दिया गया है। यहां से लेखपालों को सौंप दिया जाएगा। लेखपालों को इसके लिए दो रुपये प्रति डाटा कलेक्ट करने का भुगतान किया जाएगा।

45 सौ इनकम टैक्स भरने वाले किसानों से वसूले 25 लाख 68 हजार
इससे पहले कराए गए दो सर्वे के आधार पर जनपद के 45 सौ ऐसे लोगों को नोटिस दिया गया थे जो इनकम टैक्स भर रहे हैं और किसान सम्मान निधि भी ले रहे हैं। इन लोगों से 45 लाख 68 हजार रुपये की वसूली की गई है।

अब तक 63 प्रतिशत किसानों ने ही कराई है केवाईसी
ई केवाईसी का कार्य जनपद में 63 प्रतिशत पूरा हो चुका है। जो किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की किस्त ले रहे हैं उन्हें 12 वीं किस्त लेने के लिए ई केवाईसी करानी होगी। ई केवाईसी ग्राम पंचायत स्तर पर, जन सुविधा केन्द्र पर कराई जा सकती है।

कृषि उपनिदेशक मथुरा रामकुमार का कहना है कि जिन अपात्र लोगों ने प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ लिया है, जो किसी प्रकार की सरकारी सेवा में हैं, आयकरदाता हैं, वे धनराशि वापस करें, अन्यथा वैधानिक कार्रवाई होगी।

 

Dr. Bhanu Pratap Singh