अफगान राजनयिक जकिया वरदक से मुंबई एयरपोर्ट पर 25 किलो सोना बरामद

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राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के अधिकारियों ने हाल ही में मुंबई हवाई अड्डे पर अफगानिस्तान की महावाणिज्य दूत जकिया वरदक को रोका और उनके पास से 18.6 करोड़ रुपये मूल्य का 25 किलो सोना बरामद किया। आरोप है कि जकिया इस सोने की दुबई से भारत में तस्करी करने की कोशिश कर रही थीं। यह घटना 25 अप्रैल को हुई जिसमें सीमा शुल्क अधिनियम 1962 के तहत सोने की तस्करी का मामला दर्ज किया गया है। सोना पंचनामा के तहत जब्त कर लिया गया है।

सूत्रों ने बताया कि वरदाक को गिरफ्तार नहीं किया गया क्योंकि उसे राजनयिक छूट प्राप्त है। कानून के अनुसार अगर तस्करी किए गए सोने की कीमत 1 करोड़ रुपये से अधिक है, तो संदिग्ध को गिरफ्तार किया जाता है और उस पर आपराधिक मुकदमा चलाया जाता है। सूत्रों ने बताया कि वरदाक के पास इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान से जारी किया गया राजनयिक पासपोर्ट था।

टाइम्स ऑफ इंडिया के भेजे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए वरदक ने कहा, ‘मैं आरोपों से हैरान और चिंतित हूं और इस मामले की आगे जांच करने की जरूरत है। मुझे विश्वास है कि आप वाणिज्य दूतावास और दूतावास का समर्थन करने के लिए काम करते समय मेरे सामने आई हाल की व्यक्तिगत चुनौतियों से अवगत हैं। अभी में इलाज के लिए मुंबई से बाहर आई हूं।’

अफसरों ने कहा पहला मामला

अधिकारियों ने बताया कि हाल के दिनों में शहर में यह शायद पहला मामला है, जब किसी विदेशी देश के वरिष्ठ राजनयिक को तस्करी के मामले में एयरपोर्ट पर रोका गया हो। सूत्रों ने बताया कि डीआरआई को वरदक के बारे में विशेष जानकारी मिली थी और उसने एयरपोर्ट पर करीब एक दर्जन कर्मियों को तैनात किया था।

दुबई से मुंबई एयरपोर्ट आईं

58 वर्षीय वरदाक अपने बेटे के साथ दुबई से शाम करीब 5.45 बजे अमीरात की फ्लाइट से मुंबई पहुंचीं। दोनों ने ग्रीन चैनल का इस्तेमाल किया जिससे पता चला कि उनके पास कोई ऐसा सामान नहीं है जिसे कस्टम्स को घोषित करने की जरूरत हो। वे एयरपोर्ट के बाहर निकलने की ओर बढ़ रहे थे, तभी डीआरआई अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया।

काफी सामान था दोनों के पास

दोनों यात्रियों के पास पांच ट्रॉली बैग, एक हैंड बैग, एक स्लिंग बैग और एक नेक पिलो था। लेकिन उनके सामान पर कोई टैग या निशान नहीं था जो उनकी राजनयिक स्थिति को दर्शाता हो। सूत्रों ने कहा कि डीआरआई अधिकारियों ने यात्रियों से पूछा कि क्या वे अपने साथ कोई शुल्क योग्य सामान या सोना ले जा रहे हैं? उन्होंने न कहा। उनके बैग की जांच की गई।

शरीर में छिपा रखा था सोना

एक महिला अधिकारी ने उनकी तलाशी एक अलग कमरे में ले जाकर की तो सोना बरामद हुआ। सोने की छड़ें उसके कस्टमाइज्ड जैकेट, लेगिंग, घुटने के कैप और कमर की बेल्ट में छुपाई गई थीं। डीआरआई अधिकारियों ने जकिया के पहने गए कस्टमाइज्ड कपड़ों में छिपाए गए पीले रंग के 25 धातु के बार बरामद किए, जिनमें से प्रत्येक का वजन एक किलोग्राम था। उसके बेटे के पास कोई प्रतिबंधित सामान नहीं मिला।

24 कैरेट सोना था

सूत्रों ने बताया कि बार की शुद्धता की पुष्टि करने के लिए मूल्यांकनकर्ता को बुलाया गया। सरकारी मूल्यांकनकर्ता ने एक प्रमाण पत्र जारी किया जिसमें कहा गया कि वे 24 कैरेट सोने की छड़ें हैं जिनका वजन एक किलोग्राम है। इनकी कुल कीमत 18.6 करोड़ रुपये थी। जब अधिकारियों ने जकिया से पूछा कि क्या उसके पास इस विदेशी मूल के सोने के वैध कब्जे को दिखाने के लिए कोई दस्तावेज है, तो वह कुछ भी नहीं दिखा सकी। सोने की छड़ों और जैकेटों को सील कर दिया गया और पंचनामा तैयार करने के बाद उन्हें जाने दिया गया।

कौन हैं जकिया

जकिया को तत्कालीन राष्ट्रपति अशरफ गनी की सरकार में मुंबई में अफगानिस्तान का महावाणिज्यदूत नियुक्त किया गया था। अगस्त 2021 में तालिबान ने गनी सरकार को उखाड़ फेंका था। हालांकि तालिबान शासन को भारत ने आधिकारिक रूप से मान्यता नहीं दी है लेकिन तत्कालीन अफगान राजनयिक कोर मुंबई और हैदराबाद में अब भी काम कर रहे हैं। ये अफगान नागरिकों को कांसुलर, शैक्षिक और वाणिज्यिक सहायता प्रदान करते हैं।

दिल्ली में अफगान दूतावास को बंद कर दिया गया था, लेकिन भारत ने काबुल में अपना दूतावास फिर से खोल दिया है और युद्धग्रस्त देश को मानवीय सहायता भेजी है। आधिकारिक तौर पर, भारतीय सरकार पिछली अफगान सरकार के नियुक्त राजनयिकों के साथ काम करना जारी रखती है।

-एजेंसी

Dr. Bhanu Pratap Singh