भरतपुर के राजा मानसिंह हत्याकांड में 11 दोषियों को उम्रकैद, जुर्माना भी लगाया

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Mathura (Uttar Pradesh, India) मथुरा। भरतपुर के राजा मानसिंह हत्याकांड के सभी दोषी पुलिसकर्मियों को मथुरा जिला कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जज साधना रानी ठाकुर ने यह फैसला सुनाया है। अदालत ने आरोपियों पर 10-10 हजार का आर्थिक दंड भी लगाया है। इसके साथ ही निर्देश दिए हैं कि तीनों मृतकों के परिजनों को राजस्थान सरकार 30-30 हजार रुपये दे और घायल चार लोगों को दो-दो हजार दे।

भरतपुर के राजा मानसिंह हत्याकांड में 11 आरोपी दोषी सिद्ध हुए, 3 आरोपी बरी हुए हैं।

मंगलवार को जिला जज ने हत्याकांड के समय तत्कालीन सीओ कान सिंह भाटी सहित 11 पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया और बुधवार यानी आज सजा सुनाने की तारीख मुकर्रर की थी।

क्या है 35 साल पुराना भरतपुर राजा मानसिंह हत्याकांड, जानें मर्डर की इनसाइड स्टोरी

वर्ष 1985 में विधानसभा चुनाव हो रहे थे। राजा मानसिंह निर्दलीय प्रत्याशी थे और कांग्रेस के प्रत्याशी सेवानिवृत आईएएस ब्रजेंद्रसिंह थे। कांग्रेस के पक्ष में सभा करने के लिए 20 फरवरी को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर डीग आए हुए थे। बताया जाता है कि कांग्रेस समर्थकों ने किले में लक्खा तोप के पास लगे राजा मानसिंह के रियासत कालीन झंडे को हटाकर कांग्रेस का झंडा लगा दिया था। इससे राजा मानसिंह नाराज हो गए थे।

तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर के सभा मंच को जोंगा (वाहन) की टक्कर से तोड़ दिया था

एफआईआर के अनुसार राजा मानसिंह ने चौड़ा बाजार में लगे तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर के सभा मंच को जोंगा (वाहन) की टक्कर से तोड़ दिया। इसके बाद वे हायर सेकंडरी स्कूल पहुंचे और सीएम के हेलीकॉप्टर को टक्कर मारकर क्षतिग्रस्त कर दिया। इस मामले में दो एफआईआर दर्ज हुई।

ज्ञात हो कि 35 साल पुराने हत्याकांड को लेकर बुधवार सुबह जिला जज ने वारदात के समय तत्कालीन पुलिस सीओ कान सिंह भाटी सहित दोषी सिद्ध किए गए सभी 11 पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास का कठोर फैसला सुनाया है। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिव चरण माथुर के मंच को जीप से तोड़ने वाले राजा मानसिंह की हत्या मामले में सजा का ऐलान आज किया गया।

बता दें कि करीब 35 साल पहले भरतपुर के राजा मानसिंह और उनके दो साथियों की पुलिस ने अनाज मंडी में गोलियां बरसाते हुए हत्या कर दी थी। राजा मानसिंह की हत्या के बाद जनता में काफी ज्यादा क्रोध और आक्रोश था।

Dr. Bhanu Pratap Singh