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UP को Wedding Destination State बनाएंगे, इसके लिए 100 किले और हवेलियां चिह्नितः मुकेश कुमार मेश्राम

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 उप्र पर्यटन एवं सांस्कृतिक मंत्रालय कर रहा सहयोग, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने की घोषणा 

प्रदेश को वेडिंग डेस्टिनेशन हब बनाने के लिए आगरा करेगा मार्ग प्रशस्त, सांस्कृतिक धरोहर के साथ आध्यात्मिक महत्व

 प्रमुख सचिव ने कहा, प्रदेश भर में सड़क किनारे पीपीपी मॉडल से बनाए जाएंगे विश्रामगृह, आगे आएं आगरा के उद्यमी  

 

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Agra, Uttar Pradesh, India. न सिर्फ देश में बल्कि पूरे विश्व में उत्तर प्रदेश की छवि बदल चुकी है। आज एक नहीं बल्कि प्रदेश के दर्जनों जिले पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण बन चुके हैं। सामाजिक जीवन में विवाह संस्कार के महत्व को पर्यटन से जोड़ते हुए प्रदेश सरकार 100 किलों और हवेलियों को वैवाहिक आयोजनों के लिए तैयार कर रही है। यह घोषणा की उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति व महानिदेशक पर्यटन विभाग मुकेश कुमार कुमार मेश्राम ने।

शनिवार को फतेहाबाद रोड स्थित होटल डबल ट्री बाय हिल्टन में प्रदेश का पहला वेडिंग कॉन्क्लेव 2023 आयोजित किया गया। वेडिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन, यूपी, होटल डबल ट्री बाय हिल्टन और वेडिंग डायरी के संयुक्त तत्वावधान में उप्र पर्यटन एवं सांस्कृतिक मंत्रालय के सहयोग से आयोजित कॉन्क्लेव में प्रमुख सचिव मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि वेडिंग इंडस्ट्री एसोएसिएशन की यह पहल निश्चित रूप से प्रदेश को डेस्टिनेशन वेडिंग स्टेट एवं आगरा को वेडिंग डिस्ट्रिक्ट बनाएगी।

मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि 16 संस्कारों में सबसे ज्यादा स्मरणीय वैवाहिक संस्कार होता है। सात जन्मों के इस बंधन के आरंभ के लिए उत्तर प्रदेश हर तरह से उपयुक्त है। आध्यात्मिक और ऐतिहासिक स्मारकों के साथ यहां की सांस्कृतिक विरासत इसे महत्वपूर्ण बनाती है। प्रदेश में प्रति वर्ष अब करीब 32 करोड़ पर्यटक आकर्षित हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जल, वायु और सड़क मार्ग सबसे अधिक है। इनलैंड वाटर बेस के साथ आगरा और मथुरा में हैलीपोर्ट मिल चुके हैं। यहां के गांव वैवाहिक आयोजनों के लिए जाने जा रहे हैं। 24 में से 18 जैन तीर्थंकरों की स्थली उत्तर प्रदेश में ही है। इतना ही नहीं मैक्सिको के लोग भारतीय रीति रिवाज से विवाह करने के लिए सबसे ज्यादा उत्सुक रहते हैं। इसी को देखते हुए प्रदेश सरकार होटल निर्माण के लिए सब्सिडी दे रही है। वेडिंग कॉन्क्लेव का आगरा में आयोजित होना संकेत है कि भविष्य में आगरा डेस्टिनेशन वेडिंग का आइडियल हब बनेगा।

प्रमुख सचिव ने आगरा के उद्यमियों से कहा कि पर्यटकों की सुविधा के लिए अधिक से अधिक संख्या में सड़क किनारे विश्रामगृह या पूर्ण सुविधायुक्त ढाबे बनाएं। ताकि मार्ग में पर्यटकों की किसी तरह की असुविधा न मिले और उप्र पर्यटकों को आदर सत्कार के मामले में अविस्मरणीय छाप छोड़े।

लघु उद्योग निगम लि. के उपाध्यक्ष (दर्जा राज्यमंत्री) राकेश गर्ग ने कहा कि वैवाहिक आयोजनों में भारतीय संस्कृति का विशेष ध्यान रखा जाए।

वेडिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन यूपी के अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने अतिथियों का सत्कार करते हुए कहा कि वेडिंग कॉन्क्लेव के माध्यम से आगरा ऐसा मार्ग देने जा रहा है जिससे पर्यटन व्यवसाय को पंख लगेंगे।

नेशनल चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन आगरा के अध्यक्ष राजेश गोयल ने कहा कि वैवाहिक आयोजन बहारो फूल बरसाओ से आरंभ होता है और बाबुल की दुआएं लेती जा पर पूर्ण होता है। सात दिन के वैवाहिक संस्कार को एक उत्सव की तरह बनाने के लिए आगरा उपयुक्त स्थान बन सकता है।

संयुक्त निदेशक पर्यटन विभाग अविनाश मिश्रा ने कहा कि शहर के लोग डेस्टिनेशन वेडिंग हब बनाने में सबसे ज्यादा सहयोग कर सकते हैं। दूर शहर में रहने वाले अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को आगरा की विशेषताओं से वे स्वयं परिचित कराएं।

विशिष्ट अतिथि आर्चर हॉस्पिटेलिटी के डायरेक्टर विक्रमजीत सिंह पुरी ने कहा कि आगरा में विकास की सबसे ज्यादा संभावनाएं हैं। प्रेम के शहर आगरा, जहां ताजमहल है वहां शादी नहीं होंगी तो कहां होंगी।

होटल के जनरल मैनेजर श्याम कुमार ने कहा कि गुणवत्ता से समझौता न करते हुए एकजुटता के साथ आगरा को डेस्टिनेशन वेडिंग हब बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

वेडिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन, यूपी के सचिव संदीप उपाध्याय ने बताया कि उद्घाटन सत्र के अलावा कॉन्क्लेव में चार सत्र में नई सीमाएं, उत्तर प्रदेश में विवाह उद्योग का विकास, वैवाहिक उद्योग में नारी सशक्तिकरण, डिजिटल ट्रांसफोरमेशन आफ वेडिंग एंड होटल विषय पर विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे।

शहर की प्रमुख उद्यमी डॉ रंजना बंसल ने कहा कि ब्रज के 12 वनों में सबसे पहला नाम अग्रवन का आता है जो वर्तमान में आगरा है। राधाकृष्ण के प्रेम से पगे ब्रज में वैवाहिक आयोजन सबसे पवित्र और यादगार बन सकते हैं। आयोजन का संचालन अमित सूरी ने किया।

इनकी रही कॉन्क्लेव में उपस्थिति

आयोजन में रजनीश राठी, भुवनेश खन्ना, विजय गुप्ता, राजीव सक्सेना, समीर जिलानी, सौरभ खन्ना, अमूल्या कक्कड़, विशाल श्रीवास्तव, विनोद रामामूर्ति, सीए विवेक अग्रवाल, आरती नरवार, प्रशांत कुलकर्णी, राकेश चौहान, रमेश वाधवा आदि उपस्थित रहे।

इनका किया गया सम्मान

कॉन्क्लेव में वैवाहिक एवं मांगलिक उद्योगों में अपनी महती भूमिका निभाने वाले संजय अग्रवाल, राजेश गोयल, निशांत जैन, विमल गोयल, रजत गोयल, मनीष अग्रवाल, अभिषेक मल्होत्रा, सुधीर शर्मा, वेद प्रकाश का सम्मान किया गया।

इन्होंने रखे अपने विचार

चार सत्र में हुए कान्क्लेव में डॉ अनुपम श्रीवास्तव, मनीष सिंघल, अरुन सक्सेना, शिखा जैन, चंचल गुप्ता, कीर्ति स्वप्निल कुलश्रेष्ठ ने अपने विचार रखे।

इन संस्थाओं का रहा सहयोग

कॉन्क्लेव समन्वयक तरुण अग्रवाल, पियूष सिंघल, रिचा बंसल, विकास सिंह थे। हर्ष महाजन, अजय गुप्ता, तरंग गोयल, रिपुदमन सिंह, कमल प्रीत सिंह, अमित यादव, दिलीप कुमार आदि सहित लघु उद्याेग भारती, एफमेक, फेडरेशन आफ कोल्ड स्टोरेज, सीएफपीआइए, कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन उप्र, आइएमए आदि  एक दर्जन से अधिक संस्थाओं का सहयोग रहा।

Dr. Bhanu Pratap Singh