rajiv gupta agra

होटल, रेस्टोरेंट, कैंटीन, ढाबा वालों के काम की खबर

HEALTH NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL लेख

पूरी दुनिया जीवाश्म ईंधन पर निर्भर करती है, जिसके कारण हर सरकार को अपने खजाने से उसका मूल्य चुकाने के साथ पर्यावरण संबंधी परेशानियां उठानी पड़ती है| दूसरी तरफ अगर गैर जीवाश्‍म  ईंधन का हम विकल्प के रूप में उसे तैयार कर लें तो न केवल बेकार खाद्य तेल से बेकार नहीं जाएगा और कृषि प्रधान देश के किसानों को खेती के अनेक शुभ अवसर प्राप्त होंगे|आयात निर्भरता में कमी होगी।  पर्यावरण भी बचेगा |

पारंपरिक जीवाश्‍ईंधनों के विकल्प के रूप में गैर जीवाश्म ईंधन के महत्व को समझाने हेतु हर वर्ष 10 अगस्त को विश्व जैव ईंधन दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस कार्य में भारत सरकार  के  पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय को स्वास्थ्य मंत्रालय व भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण सहयोग करते हैं| भारत में समान कुकिंग ऑयल का उपयोग विभिन्‍न चीजों को तलने-भुनने के लिए किया जाता है। हालांकि, तलने-भुनने के दौरान अनेक बुनियादी रासायनिक यौगिकों के बनने के कारण संबंधित लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य पर प्रतिकूल असर होता है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के सहयोग से, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण भारत सरकार द्वारा वर्ष 2018 में जैव ईंधनों पर जारी राष्‍ट्रीय नीति में प्रयुक्‍त अथवा इस्‍तेमाल में लाए जा चुके कुकिंग ऑयल से जैव ईंधन (बायोफ्यूल) का उत्‍पादन करने की परिकल्‍पना की गई है। और एक मोबाइल ऐप लांच किया है, जिसमें इस्तेमाल किया गया तेल होटल और रेस्तरां से एकत्र किया जाएगा और सम्मिश्रण के लिए बायोडीजल संयंत्रों को भेजा जाएगा।भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति 2018 पर पुस्तक भी जारी की। जैव ईंधन नीति का उद्देश्य 2030 तक 20% इथेनॉल-मिश्रण और 5% बायोडीजल-मिश्रण तक पहुंचने का उद्देश्य है।

मौजूदा समय में भारत में हर महीने लगभग 850 करोड़ लीटर हाई स्‍पीड डीजल (एचएसडी) की खपत होती। मिश्रित करने के इस लक्ष्‍य की प्राप्ति के लिए हर वर्ष 500 करोड़ लीटर जैव डीजल की जरूरत है। भारत में लगभग 22.7 एमएमटीपीए (2700 करोड़ लीटर) कुकिंग ऑयल का उपयोग होता है, जिनमें से 1.2 एमएमटीपीए (140 करोड़ लीटर) यूसीओ को बल्‍क उपभोक्‍ताओं जैसे कि होटलों, रेस्‍तरां, कैंटीन इत्‍यादि से प्राप्‍त किया जा सकता है। इससे हर वर्ष

तकरीबन 110 करोड़ लीटर जैव डीजल की प्राप्ति होगी। मौजूदा समय में प्रयुक्‍त कुकिंग ऑयल के लिए कोई संग्रह श्रृंखला स्‍थापित नहीं की गई है। अत: प्रयुक्‍त कुकिंग ऑयल से जैव डीजल का उत्‍पादन करने के व्‍यापक अवसर मौजूद हैं। प्रयुक्‍त कुकिंग ऑयल से जैव डीजल का उत्‍पादन करने के उद्देश्‍य से तेल विपणन कम्‍पनियां 100 शहरों में अभिरुचि पत्र आमंत्रित करेंगी, ताकि प्रयुक्‍त कुकिंग ऑयल से तैयार जैव डीजल की खरीद की जा सके।

राजीव गुप्ता जनस्नेही

लोकस्वर ,आगरा