जीवन जीने की कला सिखाता है योग

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Aligarh (Uttar Pradesh, India)। योग के माध्यम से हम जीवन जीने की कला सीख सकते हैं। साथ ही दैनिक जीवनचर्या को सुवव्यस्थित व सुद्र्ण तरीके से कर सकते हैं। यह कहना है मंविवि के शारीरिक शिक्षा विभाग के अध्यक्ष डॉ शिव कुमार का। उन्होंने यह बातें “लाइफ स्किल डेवलपमेंट थ्रू योगा” पर आधारित अपने व्याख्यान में कहीं।

सोमवार को मंगलायतन विश्वविद्यालय परिसर में योग शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यार्थियों को योग के फायदे बताए गए। डॉ. शिव कुमार ने बताया कि आज-कल हम लोग बीमारियों का शिकार हो रहे है। जिन्हें दूर रखने के लिए योग बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आजकल डॉयबटीज, थाईराइड, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों से सब जूझ रहे है, इन्हीं सब से बचे रहने के लिए योग जरुरी है। योगाभ्यास के दौरान सर्वांगासन और हलासन जैसे करीब एक दर्जन आसनों सहित कपाल भाती एवं अनुलोम-विलोम जैसे प्राणायाम कराए गए।

योग के माध्यम से जीवन कौशल का विकास पर बोलते हुए डॉ शिव कुमार ने कहा कि जीवन जन्म और मृत्यु के बीच के समय व ऊर्जा को कहा जाता है। अपने जीवन के कौशलों को उन्नत करके हम अपने समाज की, अपने राष्ट्र की उन्नति कर सकते हैं।    

कार्यक्रम निदेशक, डायरेक्टर आईक्यूएसी डॉ वाई पी सिंह ने संचालन किया। समन्वयक डॉ अनुराग शाक्य ने आभार व्यक्त किया। इस दौरान प्रो आरके शर्मा, डॉ सिद्धार्थ जैन, डॉ दीपशिखा सक्सेना, मोहन माहेश्वरी, डॉ सोनी सिंह, डॉ निशा खान, अनुराधा यादव, राम कुमार पाठक, पूनम गुप्ता, शिखा शर्मा, अंकिता शुक्ला, दिनेश कुमार, डॉ कविता शर्मा, डॉ संजय पाल आदि मौजूद थे।