सपा सरकार में 197 करोड़ रुपए की लागत से ताजगंज प्रोजेक्ट के अंतर्गत ताजमहल के आसपास आगजनी जैसी घटनाओं पर काबू पाने के लिए फायर हाइड्रेंट सिस्टम लगाए गए थे लेकिन प्रशासन की अनदेखी के चलते यह सभी व्यवस्थाएं जर्जर हाल में पहुंच गई हैं। इस फायर हाइड्रेंट सिस्टम पर विभाग की कोई नजर नहीं है और न ही इसकी सुध ली जा रही है। ऐसा लगता है कि स्थानीय प्रशासन को बड़े हादसे का इंतजार है।
ताजमहल के पास फायर हाइड्रेंट सिस्टम ख़राब
अग्निशमन विभाग ने अग्निशमन उपकरणों की जांच शुरू कर दी है लेकिन इन सबके बावजूद विश्व विख्यात इमारत ताजमहल और इसके आसपास लगे फायर सिस्टम का जायजा लेने का शायद किसी को भी फुर्सत तक नहीं है। सपा सरकार के समय में 197 करोड़ रुपए की लागत से ताजगंज प्रोजेक्ट को पूरा कराया गया था जिसमें ताजमहल के आसपास तीनों प्रवेश मार्गों के सौंदर्यीकरण के साथ-साथ सुरक्षा उपकरणों को भी यहां लगाया गया था। जिसमें मुख्य रुप से आगजनी की घटना पर काबू पाने के लिए फायर हाइड्रेंट सिस्टम भी शामिल था लेकिन स्थानीय प्रशासन व संबंधित विभाग की लापरवाही के चलते यह सभी उपकरण धूल फांक रहे हैं।
होटलों तक सीमित हुई कार्रवाई
हाल ही में लखनऊ के लेवाना होटल में हुए अग्निकांड की घटना के बाद सरकार ने फायर सिस्टम सुधारने के निर्देश दिये हैं। आगरा फायर विभाग की नींद भी तभी टूटी है और फायर विभाग हरकत में आया है लेकिन अग्निशमन विभाग की एक कार्यवाही आगरा के छोटे बड़े होटलों समेत पंच सितारा होटलों तक ही सीमित रह गई है। मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के साथ-साथ फैक्ट्री और बड़े-बड़े मॉल में अभी फायर विभाग की कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
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