brij lal

राज्यसभा सांसद और पूर्व IPS अधिकारी बृजलाल कब और कैसे बने पुलिस अधिकारी से लेखक

POLITICS साहित्य

सपा सरकार ने केन्द्र के लिए कार्यमुक्त नहीं किया तो पुस्तक लेखन शुरू कर दिया

अब तक पांच पुस्तकें हो चुकी हैं प्रकाशित, दो पुस्तकें छपने की प्रतीक्षा में हैं

डॉ. भानु प्रताप सिंह

Live Story Time

New Delhi, Capital of India.

Lucknow, Uttar Pradesh, India. बृजलाल। आईपीएस अधिकारी बृजलाल। तेजतर्रार पुलिस अधिकारी बृजलाल। राजनेता बृजलाल। लेखक बृजलाल। वे पुलिस अधिकारी से राजनेता बन गए हैं लेकिन बातचीत में वही कड़कपन आज भी है। आगरा में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और डीआईजी रहे, तब मैं अमर उजाला में रिपोर्टर हुआ करता था। तब उनसे यदाकदा भेंट होती रहती थी। कुछ ऐसा सम्पर्क हुआ कि आज तक कायम है। कभी फोन करो तो बातचीत में वही प्रेमभरा अंदाज।

कब और कैसे बने पुलिस अधिकारी से लेखक

बहुजन समाज पार्टी की सरकार में उनका कद लगातार बढ़ता गया। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक तक पहुंचे। समाजवादी पार्टी की सरकार ने उन्हें किनारे लगा दिया। यह उनके लिए लाभकारी ही रहा। यह बात वर्ष 2012 की है। तब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। केन्द्र सरकार ने बृजलाल को महानिदेशक केन्द्रीय रिजर्व पुलिस (DG CRPF) बनाया था। सपा सरकार ने उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया। इसके बाद उन्होंने पुस्तक लेखन का काम शुरू किया। समाजवादी पार्टी की सरकार में अंतिम ढाई वर्ष का कार्यकाल महानिदेशक नागरिक सुरक्षा (DG Civil Deface) के रूप में बीता। महानिदेशक नागरिक सुरक्षा के पास कोई नैत्यिक काम नहीं होता है। इसे दांडिक नियुक्ति माना जाता है। बृजलाल ने इस नियुक्ति का उपयोग लेखन में किया। बृजलाल ने सोचा था कि एक पुस्तक लिखूँगा, परंतु एक बार शुरू हो गया तो ऐसा चस्का लगा कि रुका नहीं गया। वर्ष 2021 से पुस्तकें लगातार प्रकाशित हो रही हैं।

भाजपा में आकर राजेनता बन गए, बागवानी का भी शौक

बृजलाल उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक, आगरा के एसएसपी और डीआईजी भी रह चुके हैं। पुलिस से रिटायर होने के बाद भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। पार्टी ने उन्हें उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग का अध्यक्ष बनाया। फिर उन्हें राज्यसभा में भेजा। भाजपा उनका उपयोग बखूबी कर रही है। उन्हें आपराधिक मामलों में जांच समिति का सदस्य बनाकर भी भेजा जाता है। उनकी गिनती आज भी तेजतर्रार पुलिस अधिकारियों में होती है। उन्हें बागवानी का खासा शौक है। लखनऊ स्थित आवास में ही बगीचा बना रखा है, जहां अनेक प्रकार के पक्षी रहते हैं।

5 पुस्तकें प्रकाशित

बृजलाल की अब तक 5 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। ये हैं  1- सियासत का सबक- जोगेंद्रनाथ मंडल,  शिवांक प्रकाशन, गोला कॉटेज, अंसारी रोड, नई दिल्ली। 2- इण्डियन मुजाहिदीन- निशाने पर गुजरात, शिवांक प्रकाशन  3- पुलिस की बारात- फूलन देवी, चंबल गैंग्स,  शिवांक प्रकाशन,  4- लखनऊ के रंगबाज,  शिवांक प्रकाशन नई दिल्ली और   5-INDIAN MIJAHIDEEN ( English) Prabhat Prakashan New Delhi। दो पुस्तकें प्रकाशनाधीन हैं-    6- इटावा फाइल्स Prabhat Prakashan New Delhi  और  7-डेढ़ विश्वा जमीन- उत्तर प्रदेश क्राइम फाइल।  जोगेन्द्रनाथ मंडल को छोड़कर शेष सभी पुस्तकों के वे स्वयं पात्र हैं। उन्होंने पुलिस अधिकारी के रूप में जो निर्भयता दिखाई है, वह पुस्तकों में परिलक्षित है। जो उन्हों किया, देखा और भोगा, वह पुस्तकों में समेट दिया है। उनकी पुस्तकें सभी पुलिस अधिकारियों के लिए प्रेरणास्रोत की तरह हैं। बृजलाल को दो पुस्तकों पर उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान और उत्तर प्रदेश कर्मचारी परिषद द्वारा 75000/ और एक लाख रुपये का पुरस्कार मिल चुका हैं।

प्रधानमंत्री को पुस्तकें भेंट

राज्यसभा के सांसद (भारतीय जनता पार्टी) और पूर्व आईपीएस अधिकारी बृजलाल ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्वलिखित दो पुस्तकें भेंट की हैं। संसदीय कार्यालय में “इण्डियन मुजाहिदीन- निशाने पर गुजरात” और “INDIAN MUJAHIDEEN” भेंट की। प्रथम पुस्तक “सियासत का सबक़- जोगेंद्र नाथ मंडल” पर  भी प्रधानमंत्री का आशीर्वाद मिल चुका है।

 

Dr. Bhanu Pratap Singh