Agra, Uttar pradesh, India. हाथरस की घटना को लेकर पूरे देश में चर्चा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी के बयानों के बाद मामला देशव्यापी हो गया। फिर तो हर पार्टी के नेता वहां पहुंचे। उत्तर प्रदेश सरकार को भी कार्रवाई करनी पड़ी। जिलाधिकारी को छोड़कर घटना से संबंधित सभी पुलिस वालों को निलंबित कर दिया गया। अब झेलते रहिए। इसके बाद खोजबीन हुई तो तरह-तरह की कहानियां प्रकाश में आ रही हैं। यह भी तथ्य सामने आया है कि योगी आदित्यनाथ को व्यक्तिगत रूप से बदनाम करने के लिए षड्यंत्र रचा गया। इस बारे में रिपोर्ट भी दर्ज की गई है।
जो भी हो, मेरा कहना यह है कि अगर हाथरस की घटना का विरोध करना ही है तो क्यों न नीली कमीज पहनकर विरोध करें। सब लोग नीली कमीज पहनकर हाथरस पहुंचे। जो हाथरस नहीं जा सकत हैं, वे घर में ही नीली कमीज पहनें। बस इतना ही काफी है। अब आप सोच में पड़ गए होंगे कि नीली कमीज पहनने से क्या होगा? तो आपको अवगत करा दूं कि बदमाशी को रोकने के लिए विरोध स्वरूप नीला रंग विश्व स्तर पर चुना गया है। इसी कारण पूरी दुनिया में पाँच अक्टूबर को ब्लू शर्ट दिवस (नीली कमीज दिवस) मनाया जाता है।
साइबर अपराध, बदमाशी, क्रूरता, जातिवादी होमोफोबिया आदि तरह के अपराधों को रोकने के विरोध करने के लिए नीला रंग चुना गया हैl वह इसलिए यह रंग बहुत ठंडा व शांत है| नीला रंगधारी व्यक्ति शांति चित्त रहता है। और आदमी का व्यवहार आत्मविश्वास से भर जाता है| अक्सर आपने देखा होगा ज्यादातर जगह स्कूलों गणवेश में नीले रंग की कमीज को महत्व दिया जाता है|
लोकस्वर संस्था के कर्ताधर्ता राजीव गुप्ता ‘जनस्नेही’ कहते हैं- आज हम सबके सामने हाथरस की अमानवीय घटना है| मुझे लगता है इन दरिंदों के विद्रोह के लिए हमें आज सोमवार 5 अक्टूबर को ज्यादा से ज्यादा नीले रंग की कमीज पहनकर इस घटना का विरोध प्रकट करना चाहिए| आशा है आज हम लोग ब्लू शर्ट दिवस पर नीले रंग की कमीज बदमाशी रोकने के लिए ज्यादा से ज्यादा पहनेंगे|
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