: यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के पद पर तैनात 2001 बैच की आईएएस अधिकारी अपर्णा यू पर बड़ा एक्शन लिया है। इनको पद से हटाते हुए उनकी जगह पर 2003 बैच की आईएएस अधिकारी पिंकी जोवेल को एनएचम का निदेशक बनाया गया है। जबकि IAS अपर्णा यू को सचिव बेसिक शिक्षा बनाई गयीं। वहीं, अनिल कुमार तृतीय को प्रमुख सचिव खनन का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
आईएएस अपर्णा यू को अब बेसिक शिक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। मालूम हो कि अपर्णा का नाम पिछले कई तैनाती में विवादों से जुड़ा रहा है। आंध्र प्रदेश और यूपी में तैनाती के दौरान इनका नाम घोटालों में आया है। मामले में सीबीआई जांच भी चल रही है। आंध्र प्रदेश से अपर्णा जब प्रतिनियुक्ति से यूपी में वापसी हुई तो राज्य सरकार ने उन्हें उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन का प्रबंध निदेशक बनाया। यहां इनके कार्यकाल में पेंशन घोटाला हुआ। वित्तीय कार्यों में हेरा-फिरी दिखी, जिसके बाद विभाग के कई अफसर भी हटाए गए थे। अपर्णा यू पर पेंशन घोटाले को लेकर सीबीआई की जांच चल रही है।
पति का दिलवाया था टेंडर
अधिकारी अपर्णा पर आरोप है कि आंध्र प्रदेश में तैनाती के दौरान उन्होंने ने अपने पति को 3300 करोड़ का ठेका दिलवाया। शासन के आदेश पर जब जांच हुई तो आरोप सही साबित हुए। सूत्रों के अनुसार जब यह घोटाला हुआ, अपर्णा के पति भाष्कर नोएडा में सीमेंस कंपनी में कार्यरत थे। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो आंध्र प्रदेश में कौशल विकास परियोजना के लिए सीमेंस इंडस्ट्री सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड से 58 करोड़ में सॉफ्टवेयर खरीदा गया था। जबकि दस्तावेज में फर्जीवाड़ा कर सॉफ्टवेयर की कीमत 3300 करोड़ तक बढ़ा दी गई। इसके लिए आंध्र प्रदेश सरकार ने प्रोजेक्ट की 10 फीसदी राशि यानि करीब 371 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया था।
खनन की जिम्मेदारी अनिल कुमार को
प्रदेश में खनन की जिम्मेदारी अब अनिल कुमार को सौंप दी गई है। बीते दिनों खनन को लेकर लगातार अफसर सक्रियता दिखा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में अवैध खनन चल रहे हैं। अब खनन की जिम्मेदारियों पर अनिल कुमार अपनी पैनी नजर रखकर बखूबी निभाएंगे।