यूक्रेन के राष्ट्रपति की पश्चिमी देशों से अपील, युद्ध को लेकर दहशत न फैलाएं

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यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने पश्चिमी देशों से अपील की है कि यूक्रेन की सीमा पर रूसी सैनिकों की मौजूदगी के बीच वे युद्ध को लेकर दहशत ना पैदा करें. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि ‘कभी भी आक्रमण हो सकता है’, जैसी चेतावनियों से यूक्रेन की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है.

इससे पूर्व गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगले महीने रूस यूक्रेन पर हमला कर सकता है. उन्होंने इसे प्रबल संभावना क़रार दिया है. वहीं दूसरी ओर रूस लगातार एक ही बात कह रहा है. रूस की ओर से बार-बार कहा गया है कि उसकी यूक्रेन पर हमला करने की कोई योजना नहीं है.
शुक्रवार को रूस के विदेश मंत्री ने कहा कि मॉस्को युद्ध नहीं चाहता है. रूस से लगी यूक्रेन की सीमा पर मौजूदा समय में क़रीब एक लाख सैनिक तैनात हैं. जिसे लेकर अमेरिका और पश्चिमी देश लगातार युद्ध की चेतावनी दे रहे हैं.
वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति ने अपने हालिया बयान में कहा कि वे पिछली बार के मुक़ाबले सैनिकों की इस तैनाती को बहुत बड़े ख़तरे के तौर पर नहीं देख रहे हैं. एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि सम्मानित देशों के नेताओं की ओर से चेतावनी जारी की जा रही है कि जैसे कल ही युद्ध होने की आशंका है. इससे दहशत का माहौल बनता है, इससे हमारे देश को कितना असर हो रहा है? अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि देश के भीतर इस तरह के दहशत और अस्थिरता की स्थिति, देश के लिए सबसे बड़ा ख़तरा है.
रूस की मांग
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एमिली होर्न का कहना है कि राष्ट्रपति ने कहा है कि इस बात की प्रबल संभावना है कि रूस फ़रवरी में यूक्रेन पर आक्रमण करेगा. उन्होंने ये सार्वजनिक तौर पर कहा है और हम कई महीनों से इसकी चेतावनी दे रहे थे.
प्रवक्ता के मुताबिक़ यूक्रेन के राष्ट्रपति के साथ बातचीत में राष्ट्रपति बाइडन ने कहा है कि अमेरिका और उसके सहयोगी, यूक्रेन पर रूसी हमले की स्थिति में रूस को निर्णायक जवाब देंगे.
वहीं रूस ने आक्रमण की आशंकाओं को ग़लत बताया है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी देशों के सामने कई मांगें रखी हैं. उन्होंने उन देशों से ज़ोर देकर कहा है कि यूक्रेन को कभी नेटो का सदस्य नहीं बनने देना चाहिए और नेटो गठबंधन को पूर्वी यूरोप में अपनी सभी सैन्य गतिविधि को छोड़ देनी चाहिए.

Dr. Bhanu Pratap Singh