70 के दशक के मशहूर कॉमेडियन अभिनेता उत्पल दत्त की 95वीं बर्थ एनिवर्सरी आज

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उत्पल दत्त भारतीय सिनेमा के एक ऐसे कलाकार रहे, जिनकी कॉमेडी और सेंस ऑफ ह्यूमर फिल्मों में जान डाल देता था। एक्टर के अलावा राइटर और डायरेक्टर रहे उत्पल दत्त ने बंगाली सिनेमा से लेकर बॉलीवुड तक में खूब काम किया। 40 दशक से भी लंबे करियर में उत्पल दत्त ने 100 से ज्यादा बंगाली और हिंदी फिल्मों में काम किया। कॉमेडी में तो उनका जवाब ही नहीं था। कड़क अंदाज में भी उनका कॉमिक टच कमाल कर देता था।

70 के दशक में उत्पल दत्त एक मशहूर कॉमेडियन बन गए थे। उनकी पॉपुलैरिटी का आलम यह था कि लगभग ज्यादातर फिल्मों का अहम हिस्सा रहते। आज भी जब कॉमेडी फिल्मों की बात होती है तो जेहन में सबसे पहले उनकी फिल्म ‘गोल माल’ आती है, जिसे उत्पल दत्त ने अपनी कॉमेडी से हमेशा के लिए अमर बना दिया। साल 1929 में 29 मार्च को पैदा हुए उत्पल दत्त की 95वीं बर्थ एनिवर्सरी है।

इस मौके पर उनकी पांच ऐसी फिल्मों के बारे में बता रहे हैं, जो Utpal Dutt ही नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा के इतिहास में भी मील का पत्थर साबित हुईं। इनमें उत्पल दत्त का अंदाज देख आप हंसी से लोटपोट हो जाएंगे।

1. गोल माल

उत्पल दत्त के करियर की बेस्ट फिल्मों में से एक है ‘गोल माल’, जिसे ऋषिकेश मुखर्जी ने डायरेक्ट किया था। फिल्म की कहानी भवानी और राम प्रसाद नाम के दो किरदारों की है। साल 1979 में रिलीज हुई इस फिल्म में अमोल पालेकर और उत्पल दत्त के अलावा बिंदिया गोस्वामी भी थीं।

2. शौकीन

यह फिल्म 1982 में आई थी, जिसे बासु चटर्जी ने डायरेक्ट किया था। फिल्म में उत्पल दत्त के अलावा अशोक कुमार, एके हंगल, रति अग्निहोत्री और मिथुन चक्रवर्ती मुख्य किरदारों में थे। ‘शौकीन’ की कहानी तीन ऐसे बुजुर्गों की है, जिनकी कमजोरी महिलाएं हैं।

3. किसी से ना कहना

इस फिल्म में उत्पल दत्त ने कैलाश पति नाम के एक ऐसे पिता का किरदार निभाया था जो बेटे की शादी किसी ऐसी लड़की से करवाने का फैसला करता है, जो अनपढ़ हो। अंग्रेजी बिल्कुल न आती हो। दरअसल, उसे आज की पीढ़ी के तौर-तरीके पसंद नहीं।

4. नरम गरम

यह फिल्म साल 1981 में आई थी, जिसमें उत्पल दत्त की कॉमिक टाइमिंग को खूब पसंद किया गया था। आज भी इसे उत्पल की बेस्ट कॉमेडी फिल्मों में शुमार किया जाता है।

5. हमारी बहू अलका

इस फिल्म में उत्पल दत्त ने एक ऐसे पिता का किरदार निभाया था जो बेटे की शादी तो करवा देता है लेकिन उसे तब तक पत्नी से दूर रखता है, जब तक वह जिंदगी में कुछ बन नहीं जाता।

-एजेंसी

Dr. Bhanu Pratap Singh