आगरा के 8000 प्राथमिक शिक्षकों को जून का वेतन मिलने पर संकट, DM की शरण में पहुंचे, कर डाली ये मांग

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वित्त एवं लेखाधिकारी का रिक्त पद बना कारण

शिक्षक समुदाय में गहरा आक्रोश

वेतन न मिलने से शिक्षक परिवारों में संकट

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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat.

आगरा। शहर के 8000 प्राथमिक शिक्षक इन दिनों गहरे संकट से जूझ रहे हैं। विभिन्न माहों का वेतन न मिलने के कारण उनके घरों की आर्थिक स्थिति डगमगा गई है। कई शिक्षकों के घर बैंक ईएमआई (EMI) और आवश्यक खर्चों की पूर्ति नहीं हो पा रही है। शिक्षकों का कहना है कि 6 तारीख को बैंक से मासिक किश्तें (EMI) कटती हैं, और यदि समय पर भुगतान नहीं हुआ तो उनका सिविल स्कोर (CIBIL Score) भी प्रभावित हो सकता है, जिससे भविष्य में बैंकिंग सुविधाएं भी मुश्किल हो जाएंगी।

रिक्त पद बना वेतन न मिलने का कारण

इस गंभीर स्थिति का प्रमुख कारण जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय में वित्त एवं लेखाधिकारी (Accounts & Finance Officer) का पद रिक्त होना है। इस पद की अनुपस्थिति में वेतन बिल आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं, जिससे शिक्षक समुदाय को समय पर भुगतान नहीं मिल रहा।

जिलाधिकारी से की तत्काल नियुक्ति की मांग

प्राथमिक शिक्षक संघ आगरा ने जिलाधिकारी से आग्रह किया है कि इस पद पर स्थाई अथवा अस्थाई रूप से किसी अधिकारी की नियुक्ति की जाए, ताकि वेतन प्रक्रिया बहाल हो सके। संगठन के जिला संयोजक चौधरी सुरजीत सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने एसीएम तृतीय (ACM-III) को ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन के दौरान उपस्थित शिक्षक

कोषागार कार्यालय में भी रखी मांग

प्रतिनिधिमंडल ने कोषागार कार्यालय आगरा में भी अपनी बात रखी और आग्रह किया कि जब तक नियमित नियुक्ति नहीं होती, तब तक वैकल्पिक व्यवस्था की जाए, जिससे शिक्षकों का वेतन रोका न जाए।

प्रतिनिधिमंडल में अनेक शिक्षक नेता शामिल

इस अभियान में शिक्षक संघ के अनेक प्रमुख सदस्य सक्रिय रहे। प्रतिनिधिमंडल में केके इंदौलिया, हरिओम यादव (जिला मंत्री), विजयपाल नरवार, लक्ष्मण सिंह, मनजीत सिंह, जितेंद्र चौधरी, डॉ. जगपाल, राशिद अहमद, प्रशांत राजपूत, बलवीर सिंह, बलदेव सिकरवार, सुनील राणा, पुनीत अरोड़ा, मांगीलाल गुर्जर, सीता वर्मा, नारायण दत्त उपाध्याय, के पी सिंह, अरविंद, अशोक शर्मा, चंद्रशेखर, अबनेश कुमार, राजीव सहित अनेक शिक्षकगण उपस्थित रहे।

संपादकीय टिप्पणी

शिक्षक समाज किसी भी राष्ट्र की रीढ़ होता है। यदि वही आर्थिक संकट से जूझेगा, तो शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। आगरा के 8000 शिक्षकों का वेतन महीनों से अटका होना प्रशासनिक उदासीनता का प्रतीक है। जिला प्रशासन को चाहिए कि इस विषय को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए वित्त एवं लेखाधिकारी (बेसिक शिक्षा) के पद पर त्वरित नियुक्ति करे। इससे न केवल शिक्षकों का भरोसा बचेगा, बल्कि उनकी गरिमा और सम्मान की भी रक्षा होगी।

Dr. Bhanu Pratap Singh