naveen jain agra

आगरा का महापौर और पार्षद बनने से चमक जाता है भाग्य का सितारा, राज्यपाल, सांसद, विधायक मंत्री तक बने, पढ़िए कौन क्या बना

Election POLITICS

डॉ. भानु प्रताप सिंह

Live Story Time

Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. पूर्व महापौर नवीन जैन का सांसद बनना आगरा नगर निगम के लिए भी गौरव की बात है। उन्होंने महापौर के रूप में जिस सक्रियता के साथ काम किया है, उसका पारितोषक राज्यसभा सांसद के रूप में मिला है। आगरा के महापौर और पार्षद सांसद, विधायक और मंत्री ही नहीं, राज्यपाल तक बने हैं। इस तरह  आगरा का महापौर बनने वाले का राजनीतिक भाग्य का सितारा चमक जाता है।

आगरा के जितने भी महापौर बने हैं, सब सामान्य कार्यकर्ता ही थे। वर्तमान महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाहा इसका अपवाद हैं। वे पहले भाजपा की विधायक बनीं और फिर महापौर का चुनाव रिकॉर्ड मतों से जीता। बाकी लोग महापौर बनने के बाद विधायक और सांसद की कुर्सी तक पहुंचे हैं।

आगरा के महापौर रहे किशोरीलाल माहौर को भी पार्टी ने लोकसभा चुनाव का टिकट दिया लेकिन सफलता नहीं मिला। भाजपा ने वर्ष 2012 में वाल्मीकि समाज के इंद्रजीत आर्य को महापौर बनाया। इसी दौरान वे समाजवादी पार्टी में चले गए। इसके बाद से उनका राजनीतिक सितारा मद्धम है। इंद्रजीत आर्य को भी पार्टी एत्मादपुर से चुनाव लड़वा चुकी है। नाम के साथ चौहान लिखने के कारण चौहानों ने सहयोग नहीं किया। इसके बाद उन्होंने अपने नाम के साथ आर्य लिखना शुरू कर दिया।

To read Dr Bhanu Pratap Singh books in Hindi and English please Click this link on WhatsApp

पार्षद से सांसद

निहाल सिंह जैन (लोकसभा, कांग्रेस)

भगवान शंकर (लोकसभा, भाजपा)

नवीन जैन (राज्यसभा, भाजपा)

महापौर से विधायक

रमेशकांत लवानिया (भाजपा)

बेबीरानी मौर्य (भाजपा)

अंजुला माहौर (भाजपा)

महापौर से राज्यपाल और मंत्री

बेबीरानी मौर्य

डॉ. भानु प्रताप सिंह की हिंदी और अंग्रेजी में पुस्तकें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पार्षद से विधायक

राजुकमार सामा (एमएलसी, भाजपा)

केशो मेहरा (भाजपा)

डॉ. रामबाबू हरित (भाजपा)

किशन गोपाल (भाजपा)

डॉ. जीएस धर्मेश (भाजपा)

योगेंद्र उपाध्याय (भाजपा)

पार्षद से मंत्री

डॉ. रामबाबू हरित

डॉ. जीएस धर्मेश

योगेंद्र उपाध्याय

डॉ. रामबाबू हरित ने बसपा और डॉ. जीएस धर्मेश ने कांग्रेस से भाजपा में एंट्री मारी थी। महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाहा भी समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुई थीं। पूरे मनोयोग से लगे रहे तो उसका प्रतिफल भी मिला। डॉ. रामबाबू हरित तो उत्तर प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य राज्यमंत्री और उत्तर प्रदेश अनुसूचित आयोग के अध्यक्ष भी रहे हैं।

अयोध्या 6 दिसम्बर, 1992 से 22 जनवरी, 2024 तक: एक पत्रकार के रूप में बाबरी मस्जिद ढहने और राम मंदिर बनने की आँखों देखी कहानी (Hindi Edition) by Dr. Bhanu Pratap Singh’  पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें। गारंटी है कि पुस्तक पसंद आएगी।

Dr. Bhanu Pratap Singh