कार सवार को पुलिस ने इस लिए धुन दिया, क्यों कि वह सत्ताधारियों की रैली के बीच में फंस गया था

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Mathura (Uttar Pradesh, India) मथुरा मथुरा पुलिस रविवार को सत्ताधारियों के कार्यक्रम में भीड का हिस्सा बन गयी। पुलिस को कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन कराना था वह तो मथुरा पुलिस भूल गई। सत्ताधीशों को खुश करने के लिए वह कर बैठी जो नहीं करना था। बहकी हुई पुलिसिंग से जो परिणाम सामने आते हैं वह रविवार को मथुरा में भी देखने को मिले।

कार सवार को सिर्फ इस लिए धुन दिया कि उसकी गाडी भीड में फंस गई थी

एक तरफ पुलिस सैकडों की संख्या में जुटे सत्तादारी दल के लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, हैलमेट जैसे सामान्य नियमों का पालन नहीं करा सकी वहीं एक कार सवार को सिर्फ इस लिए धुन दिया कि उसकी गाडी इस भीड में फंस गई थी। रविवार को मथुरा में राम मंदिर निर्माण निधि कार्यक्रम के तहत शहर भर में बाइक रैली निकाली गई। बिना मास्क, बिना सोशल डिस्टेंसिंग और बिना हैलमेट के सैकडों की संख्या में बाइक सवारी इस रैली में शामिल हुए। जगह-जगह रैली के स्वागत के लिए कार्यक्रम लगाये गये थे। चारों और जाम के हालत थे।

पत्नी और बच्चों के साथ सात आठ पुलिसकर्मियों ने जमीन पर पटकपटक कर मारा

पुलिस वाहनों के लिए मार्ग परिवर्तित करा रही थी। भीड का दबाव था। इसी बीच अपनी पत्नी और बच्चों के साथ दवा लेने आये सहपउ के गांव रामपुर के युवक गौरव गौतम की कार भीड में फंस गई। यह देख कर होलीगेट चौकी इंचार्ज मनोज कुमार को ताव आ गया। गौरव को गाडी से वाहर खींच लिया और पत्नी और बच्चों के साथ सात आठ पुलिसकर्मियों ने जमीन पर पटक-पटक कर मारा। गाडी का बौनट तोड दिया। शीशा तोड दिया। पत्नी मासूम बच्चे को गोद में लिये चीखती रही। बीच भीड में किसी की हिम्मत नही हुई कि पुलिस की इस कार्यशैली पर आपत्ति कर सके। कोतवाली इजार्ज सूरज प्रकाश भी मौके पर पहुंच गये। गौरव ने होलीगेट चौकी इंजार्च के खिलाफ कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई है।

Dr. Bhanu Pratap Singh