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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat.
आगरा कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर सी. के. गौतम के नेतृत्व में एक शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल दिनांक 09 जुलाई 2025 को उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री श्री योगेन्द्र उपाध्याय से आगरा में उनके कार्यालय में मिला। इस दौरान कॉलेज की भूमि पर मेट्रो प्राधिकरण द्वारा किए जा रहे अनधिकृत कब्ज़े के विरुद्ध एक औपचारिक ज्ञापन सौंपा गया।
खेल मैदान की भूमि पर हो रहा है निर्माण कार्य
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि गाटा संख्या 281 एवं 282, जो कि आगरा कॉलेज की स्वामित्वाधीन भूमि है, पर मेट्रो प्राधिकरण ने बिना अनुमति कब्ज़ा कर निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया है। यह भूमि राजकीय अभिलेखों में कॉलेज के खेल मैदान के रूप में दर्ज है।
न मुआवजा मिला, न स्वीकृति दी गई
प्राचार्य प्रो. गौतम ने स्पष्ट किया कि कॉलेज प्रबंध समिति द्वारा इस भूमि के हस्तांतरण के लिए कभी कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया गया। न ही इस भूमि के बदले में कॉलेज को किसी प्रकार का मुआवजा प्राप्त हुआ है।
शैक्षणिक स्वायत्तता पर कुठाराघात
उन्होंने चेताया कि यह स्थिति न केवल एक शैक्षणिक संस्था की संपत्ति के अधिकार का उल्लंघन है, बल्कि इससे कॉलेज की स्वायत्तता और गरिमा को भी क्षति पहुँचने की आशंका है।
गाटा संख्या को लेकर फैलाया जा रहा भ्रम
प्राचार्य ने यह भी बताया कि मेट्रो प्राधिकरण जानबूझकर गाटा संख्या 286 का उल्लेख करता है, जबकि कार्य वास्तविक रूप से गाटा संख्या 281 एवं 282 पर हो रहा है। यह भ्रम फैलाने और तथ्य छुपाने का प्रयास है।

ट्रस्ट के अधीन है आगरा कॉलेज की भूमि
प्रतिनिधिमंडल ने यह भी स्पष्ट किया कि आगरा कॉलेज की भूमि ‘आगरा कॉलेज ट्रस्ट’ के स्वामित्व में है, न कि राज्य सरकार के। अतः इसका कोई हस्तांतरण अथवा उपयोग केवल ट्रस्ट की अनुमति से ही संभव है।
मेट्रो का निर्माण गैरकानूनी व अनधिकृत
शिक्षकों का कहना है कि मेट्रो प्राधिकरण का यह कार्य गैरकानूनी, अनैतिक और शैक्षणिक संस्थान की स्वायत्तता का हनन है, जिस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाया जाना चाहिए।
मंत्री ने दिलाया समाधान का भरोसा
माननीय उच्च शिक्षा मंत्री श्री योगेन्द्र उपाध्याय ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाएगा। शीघ्र ही सर्किट हाउस आगरा में संबंधित विभागों और मेट्रो अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित कर समाधान की दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे ये प्रमुख शिक्षकगण
प्रो. सी. के. गौतम, प्रो. मृणाल शर्मा, प्रो. पूनम चांद, प्रो. जयश्री भारद्वाज, प्रो. संध्या यादव, प्रो. विजय कुमार सिंह, प्रो. अशोक कुमार सिंह, प्रो. दीपक उपाध्याय, डॉ. गौरव कौशिक, प्रो. दिग्विजय पाल सिंह, प्रो. अमित चौधरी, प्रो. संजीव शर्मा, प्रो. उमाकांत चौबे, प्रो. शोभनाथ जैसल, प्रो. अमरनाथ, प्रो. सुधेन्द्रनाथ, डॉ. सुरेन्द्र पाल सिंह, पंकज सक्सेना (एडवोकेट) इत्यादि।
✍️ संपादकीय टिप्पणी
प्राचार्य प्रो. सी. के. गौतम एक साहसी, सजग और जिम्मेदार शिक्षाविद् हैं जिन्होंने आगरा कॉलेज की प्रतिष्ठा और संपत्ति की रक्षा के लिए मजबूत नेतृत्व दिखाया है।
जब शिक्षा संस्थानों पर सरकारी और निजी प्राधिकरणों का अनुचित दबाव बढ़ता जा रहा है, ऐसे में प्रो. गौतम जैसे निडर नेतृत्वकर्ता न केवल छात्रों और शिक्षकों के हित में खड़े हैं, बल्कि शिक्षा की स्वायत्तता के प्रहरी भी बनकर उभरे हैं।
हम सभी को उनके इस प्रयास की सराहना करनी चाहिए और उम्मीद है कि उनका यह संघर्ष शिक्षा संस्थानों की गरिमा को और अधिक सुदृढ़ करेगा।
डॉ भानु प्रताप सिंह
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